बेगूसराय/पटना, 25 दिसंबर : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सिंह ने अपनी भावना अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में व्यक्त की तथा अपनी पार्टी के वर्तमान सहयोगी कुमार और पटनायक की प्रशंसा की. भाजपा ने पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) को इस वर्ष हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में परास्त करके राज्य की सत्ता से बाहर कर दिया था.
सिंह ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार के सत्ता में आने से पहले बिहार खस्ताहाल सड़कों, विद्यालयों और इमारतों के लिए जाना जाता था, कुमार ने राज्य को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया. इसी तरह, नवीन पटनायक ने इतने सालों तक ओडिशा की सेवा की. उनके जैसे नेता भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं.’’ बिहार के राजनीतिक हलकों में सिंह को कुमार का आलोचक माना जाता है. सिंह ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद की ‘‘कुचेष्टा’’ के बावजूद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक है. गौरतलब है कि सिंह का यह बयान राजद द्वारा राजग के खींचतान का फायदा उठाने के प्रयासों की पृष्ठभूमि में आया है. राजद पूर्व में दो बार जदयू के साथ गठबंधन कर चुका है. यह भी पढ़ें : ‘महिला सम्मान’ पर भाजपा-आप आमने-सामने, प्रवेश वर्मा बोले – ‘जारी रहेगी मदद’
प्रसाद के पुत्र एवं बिहार के पूर्व मंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया था, ‘‘भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर नियंत्रण कर लिया है. कुमार के चार करीबी सहयोगी, जिनमें से दो दिल्ली में हैं, भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं. पूरी तरह से नियंत्रण अब अमित शाह कर रहे हैं.’’ तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी शाह द्वारा एक निजी समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में इसकी पुष्टि करने में अनिच्छा की पृष्ठभूमि में की कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कुमार राजग का चेहरा होंगे. इससे मीडिया के एक वर्ग में यह अटकलें लगायी जाने लगीं कि भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी रणनीति अपना सकती है. पिछले महीने हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राजग के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया गया था. राजग की प्रचंड जीत के बाद सबसे बड़े घटक के तौर पर उभरी भाजपा के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे.