नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बृहस्पतिवार को पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के लिए एक कानून की वकालत की. उन्होंने यह मांग दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद की है. गिरिराज ने कहा कि ‘‘वोट के सौदागर’’ सामाजिक सद्भाव को भंग करना चाहते हैं. अपने संदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने जहांगीरपुरी की घटना का संबंद्ध पूर्व में हुई घटनाओं से जोड़ा जिनमें संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन, राम मंदिर निर्माण का विरोध और हाल में हिजाब विवाद शामिल है. उल्लेखनीय है कि जहांगीरपुरी में ढांचों को गिराये जाने के उत्तर दिल्ली नगर निगम के अभियान के बाद से बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने राम नवमी पर शोभायात्राओं को निशाना बनाने के लिए पुलिस पर गोली चलाई और तलवारें लहराईं. उन्होंने इसके साथ ही हाल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षा कर्मी पर हुए हमले का हवाला दिया. गिरिराज ने कहा, ‘‘जहांगीरपुरी की घटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण है कि पूरे देश में एनआरसी कानून को लागू किया जाना चाहिए. पूरी दुनिया में प्रत्येक देश में नगारिकों के लिए पहचान पत्र है और यह भारत में भी होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस पर सड़क से लेकर संसद तक में बहस होनी चाहिए. यह भी पढ़े: Jahangirpuri Violence: 'बुलडोजर' एक्शन के बाद जहांगीरपुरी पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी, कहा- केजरीवाल ने अपने घर पर हमला हुआ तो आसमान सर पर उठाया था
After the Jahangipuri incident, efforts are being made to spoil social harmony in the country. In this environment, the time has come when the National Register of Citizens (NRC) should be brought in: Union Minister Giriraj Singh, in Patna pic.twitter.com/x6fYvyDrD4
— ANI (@ANI) April 21, 2022
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में केवल असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाने का प्रावधान है. हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया उस समय विवाद में आ गई जब बड़ी सख्या में गैर कानूनी बांग्लादेशियों को इसमें शामिल होने और वास्तविक नागरिकों के इस प्रक्रिया में छूट जाने की शिकायतें आईं.
विपक्षी पार्टियों द्वारा भाजपा पर नफरत फैलाने और समाज में विभाजन पैदा करने के लगाए गए आरोपों पर गिरिराज ने कहा कि ये ‘‘ वोट के सौदागर’’ कई बार मस्जिद जाते हैं और कई बार मंदिर जाते हैं और देश के मुकाबले वोट को ‘‘प्राथमिकता’’ देते हैं.
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