जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) राजेश चंद्र शर्मा ने सोमवार को बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निर्मल चंद्र सेमवाल ने एक व्यापारी और उसके परिवार के छह अन्य सदस्यों की हत्या के जुर्म में ड्राइवर राहुल वर्मा को फांसी की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि राहुल ने 21 मई 2013 को व्यापारी की तीन पीढ़ियों का सफाया कर दिया था।
शर्मा ने कहा कि राहुल वर्मा व्यापारी सतीश चंद्र गोयल का पारिवारिक चालक था और वह उनकी आर्थिक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ था। घटना से 15 दिन पहले व्यापारी ने वर्मा को नौकरी से निकाल दिया था क्योंकि उनके घर से साढ़े चार लाख रूपये गायब हो गए थे।
पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के हवाले से शर्मा ने बताया कि 21/22 मई, 2013 की दरम्यानी रात राहुल चोरी-छुपे गोयल के घर में घुसा और उसने गोयल एवं उनकी पत्नी मंजू रानी गोयल, पुत्र सचिन गोयल एवं पुत्रवधू रेखा गोयल, पौत्री मेघा (14) और पौत्र हनी (12) एवं अमन (10) की धारदार हथियार से हत्या कर दी।
शर्मा के मुताबिक गोयल किडनी के मरीज थे जिनका ट्रांसप्लांट होना था और उसके लिए जीटी रोड कोतवाली थाना क्षेत्र के नई बस्ती मोहल्ला स्थित गोयल के घर में भारी मात्रा में नकद राशि लाई गई थी और चालक वर्मा को इस बात की जानकारी थी।
गोयल के दामाद सचिन मित्तल ने ड्राइवर वर्मा के खिलाफ कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई और पुलिस ने उसी दिन उसे गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया था। नौ साल तक चले लंबे मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में 25 गवाह पेश किए। शनिवार को अदालत ने हत्या के दुर्लभतम मामलों में वर्मा को दोषी ठहराया और सोमवार को सजा सुनाई।
शर्मा ने बताया कि अदालत ने चालक को मौत की सजा सुनाने के साथ ही 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले की पुष्टि के लिए इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय भेजा जाएगा और फैसले की प्रति जिलाधिकारी और जेल अधीक्षक को भी भेजी जाएगी।
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