नयी दिल्ली, आठ अप्रैल थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सशस्त्र बल से ‘ब्लैक स्वान’ घटनाओं के लिए हमेशा तैयार रहने का सोमवार को आह्वान किया और किसी असमान्य घटना से आश्चर्यचकित नहीं होने को कहा।
‘ब्लैक स्वान’ घटनाएं अधिक प्रभाव उत्पन्न करने वाली ऐसी घटनाएं हैं, जिनके बारे में सामान्य परिस्थितियों में पहले से अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
जनरल पांडे ने राष्ट्रों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए प्रौद्योगिकी के महत्व को भी रेखांकित किया।
वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में एक संबोधन में, जनरल पांडे ने प्रौद्योगिकी के शस्त्रीकरण, विशेष रूप से सूचना से लेकर आपूर्ति श्रृंखला तक विभिन्न क्षेत्रों में इसके विस्तार को रेखांकित किया।
जनरल पांडे ने खतरों का प्रभावी ढंग से आकलन करने, रणनीतियों को स्पष्ट करने, क्षमताओं की पहचान करने, नीतियां बनाने, तैयारी करने के लिए सेना के तीनों अंगों (थलसेना,वायुसेना और नौसेना) के बीच आपसी तालमेल के महत्व पर जोर दिया।
यहां सेना मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अंतरिक्ष, साइबर, विद्युत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और सूचना प्रौद्योगिकी सहित नये क्षेत्रों में युद्ध के विस्तार पर भी चर्चा की।
जनरल पांडे ने युद्ध के साजोसामान में तीव्र प्रौद्योगिकीय प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने युद्ध के मैदान को और जटिल, कड़ा मुकाबला वाला और घातक बना दिया है।
उन्होंने सेना के अधिकारियों से ‘ब्लैक स्वान’ घटनाओं के लिए हमेशा तैयार रहने की अपील की और किसी असमान्य घटना से आश्चर्यचकित नहीं होने को कहा।
उन्होंने तेजी से हो रहे इस बदलाव के कारण नई प्रवृत्तियों के उभरने की ओर इशारा करते हुए यह रेखांकित किया कि कैसे विघटनकारी प्रौद्योगिकियां पारंपरिक युद्ध को नया स्वरूप दे रही हैं।
वैश्विक मंच पर भारत के उभरने पर प्रकाश डालते हुए, जनरल पांडे ने विस्तारित रणनीतिक परिदृश्य में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया।
सेना प्रमुख ने भारत के रक्षा क्षमताओं में मजबूत और आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए रणनीतिक संतुलन का आह्वान किया।
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