जयपुर, पांच मार्च राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी बॉन्ड के मुद्दे को लेकर मंगलवार को फिर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चुनाव से पहले इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पोल खुलने से बचाने की कोशिश कर रहा है।
गहलोत ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, “एसबीआई द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड देने वालों के नाम उच्चतम न्यायालय को देने की समयसीमा को 13 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने की याचिका दायर करना स्पष्ट संकेत है कि भाजपा सरकार बहुत कुछ छिपाना चाहती है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि आजकल बैंकों का सारा रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज होता है, इसलिए इस रिकॉर्ड को निकालना मिनटों का काम है।
उन्होंने दावा किया कि इसके बावजूद समय मांगना दिखाता है कि एसबीआई चुनाव से पहले भाजपा की पोल खुलने से बचाने का प्रयास कर रहा है।
गहलोत ने कहा, “मैं पुन: कहूंगा कि इलेक्टोरल बॉन्ड भारत का सबसे बड़ा घोटाला है जिससे मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को एक कानूनी अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया।”
एक अन्य पोस्ट में गहलोत ने रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी का मुद्दा उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कनेक्शन धारकों को सब्सिडी नहीं मिल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान 450 रुपये में उज्ज्वला गैस सिलेंडर देने की गारंटी तो दे दी एवं योजना लागू करने की ‘झूठी वाहवाही भी लूट ली’, लेकिन आज तक कनेक्शन धारकों के बैंक खातों में सब्सिडी नहीं पहुंची है।
गहलोत के कहा, “पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद अब गैस सिलेंडर की कीमतें भी ना घटाकर राजस्थान सरकार "मोदी की गारंटी" की हवा निकाल रही है।”
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