जयपुर, 13 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री से संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बर्खास्त करने की मांग की।
गहलोत ने कहा कि शेखावत को शर्म आनी चाहिए और उन्हें पीड़ितों को पैसा वापस दिलाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री की यह प्रतिक्रिया आयी है ।
गहलोत ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा, 'ऐसे मंत्री का नैतिक अधिकार नहीं है मंत्री बने रहने का। प्रधानमंत्री को चाहिए कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त करें।'
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा है, वह (शेखावत) आगे बढ़कर नहीं कह रहे हैं कि मैं पैसे वापस दिलवाऊंगा। दिलवा क्यों नहीं रहे पैसे वापस। कह रहे थे कि वह मुल्जिम ही नहीं थे, तो फिर क्यों गए उच्च न्यायालय में ।’’
उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव समिति घोटाले की जांच राजस्थान पुलिस का विशेष जांच समूह (एसओजी) कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि प्राथमिकी में गजेंद्र सिंह का आरोपी के रूप में नाम नहीं है, लेकिन कुछ लेनदेन को वह लेकर जांच के दायरे में हैं।
उल्लेखनीय है कि गहलोत इस मामले में भारी रिटर्न के नाम पर जमाकर्ताओं के धन की हेराफेरी में शेखावत, उनके परिजनों और करीबी लोगों की कथित संलिप्तता को लेकर लगातार हमलावर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि शेखावत अपनी संपत्ति बेचकर पीड़ितों को पैसा वापस दिलवाएं।
गहलोत ने कहा, 'यह बहुत गंभीर मामला है, जिसमें दो लाख लोग बर्बाद हो रहे हैं। उनको शर्म आनी चाहिए कि एक केंद्रीय मंत्री होकर के अपनी गलती स्वीकार करें और अपने दोस्तों को कहें कि देश-विदेश में अपनी संपत्तियां बेचें। इन संपत्तियों को बेचकर पैसा चुकवाएं।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री बनना अपने आप में बड़े मान सम्मान की बात होती है, कोई केंद्रीय मंत्री भारत सरकार का बने तो जिंदगी में और क्या चहिए उनको।'
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