विदेश की खबरें | गाजा के अस्पतालों ने चेताया-बिजली, चिकित्सा आपूर्ति समाप्त हुई तो हजारों मरीजों की जान जाएगी
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इजराइल के हमले से पहले नागरिकों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश में संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह हमास के घातक हमले के बाद इजराइल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है।

संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों ने कहा है कि इतनी तेजी से पलायन, साथ ही 40 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र की इजराइल द्वारा पूरी घेराबंदी के कारण भीषण मानवीय संकट होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उत्तरी इलाकों के अस्पतालों में नवजात शिशु और गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में इलाजरत लोगों समेत 2,000 से अधिक मरीजों के लिए निकासी ‘‘मौत की सजा के समान हो सकती है।’’

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के अस्पतालों में दो दिन के भीतर जनरेटर का ईंधन खत्म होने की आशंका है, इससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

अल-शिफा के बाद गाजा के दूसरे सबसे बड़े शहर खान यूनिस में नासिर अस्पताल में गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) घायल मरीजों से भरे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर तीन साल से कम उम्र के बच्चे हैं। क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स के सलाहकार डॉ. मोहम्मद कंदील ने कहा कि विस्फोट से गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोग अस्पताल आए हैं, जहां सोमवार तक ईंधन खत्म होने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि आईसीयू में 35 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और अन्य 60 डायलिसिस पर हैं। कंदील ने कहा, ‘‘अगर ईंधन खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली ठप हो जाएगी, सेवाएं बंद हो जाएंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक आपदा, एक और युद्ध अपराध, एक ऐतिहासिक त्रासदी की तरफ बढ़ रहे हैं। अगर बिजली आपूर्ति ठप हुई तो इन सभी मरीजों की मौत का खतरा है।’’

उत्तरी गाजा पट्टी के कमाल अलवान अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. हुसाम अबू सफिया ने कहा कि इजराइल के आदेश के बावजूद अस्पताल को खाली नहीं किया गया क्योंकि मरीजों को कहीं और ले जाने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि आईसीयू में सात नवजात शिशु वेंटिलेटर पर हैं। सफिया ने कहा कि घायल मरीज कटे हुए अंगों, गंभीर चोट की हालत में आ रहे हैं।

इजराइल की घेराबंदी के कारण पानी और चिकित्सा आपूर्ति की किल्लत के कारण गाजा पहले से ही मानवीय संकट में है। निवासियों ने कहा कि कुछ बेकरियां बंद होने से वे ब्रेड खरीदने में भी असमर्थ हैं।

फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट तौमा ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि शनिवार दोपहर तक उत्तरी गाजा में कितने फलस्तीनी बचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो पता है उसके मुताबिक हजारों लोग निकल चुके हैं। एक सप्ताह में कुल मिलाकर 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।’’

इजराइल की संभावित कार्रवाई से पूर्व गाजा पट्टी के मुख्य अस्पताल अल शिफा अस्पताल के मैदान में करीब 35,000 लोग शरण के लिए एकत्र हो गए हैं। शिफा अस्पताल के महानिदेशक मोहम्मद अबू सेलिम ने पुष्टि की कि अस्पताल की इमारत और परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ. मेधात अब्बास ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि उनके घर नष्ट हो जाने और उन्हें भागने के लिए मजबूर होने के बाद यह एकमात्र सुरक्षित स्थान है। गाजा शहर तबाही का भयावह मंजर है।’’

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