विशाखापत्तनम/नयी दिल्ली, सात मई विशाखापत्तनम में बृहस्पतिवार तड़के एक रासायनिक संयंत्र से विषैली गैस का रिसाव हुआ और वह आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में तेजी से फैल गई जिसके कारण 11 लोगों की मौत हो गई और इसके प्रभाव से लगभग एक हजार लोग प्रभावित हो गए।
जहरीली गैस से बचने की कोशिश कर रहे कई लोग बेहोश हो गए।
यहां स्थित आर आर वेंकटपुरम गांव के समीप स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी एल जी पॉलीमर के संयंत्र से तड़के ढाई बजे स्टाइरीन गैस के रिसाव के कुछ घंटों बाद कई लोगों को बेहोशी की हालत में सड़कों पर गिरा हुआ पाया गया जिसके बाद किसी बड़ी औद्योगिक त्रासदी की आशंका जताई जाने लगी।
लॉकडाउन के बाद खुलने की तैयारी कर रहे संयंत्र से निकली गैस के प्रभाव से छह और नौ वर्ष के दो बच्चों की मौत हो गई।
इसके अलावा चिकित्सा के प्रथम वर्ष के एक छात्र और दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई जो जहरीली गैस के प्रभाव से बचने के लिए भागते हुए कुएं में गिर गए।
एक ग्रामीण ने बताया कि रात में सहायता की गुहार लगाते लोगों की चीखें गूंजती रहीं और बहुत से लोग तो नींद में ही बेहोश हो गए।
बचाव अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने लोगों को अस्पताल पहुंचाया।
बहुत से लोगों को सांस लेने में इतनी तकलीफ हो थी कि वे खड़े नहीं हो पा रहे थे।
दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कम से कम 20 लोग वेंटिलेटर पर रखे गए हैं।
पुलिस ने बताया कि, 246 लोगों का विशाखापत्तनम के किंग जार्ज अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित दुर्घटनास्थल से लगभग आठ सौ लोगों को बचा कर निकाला गया और उनमें से अधिकांश को केवल प्राथमिक उपचार की ही आवश्यकता पड़ी।
त्रासदी में अपने रिश्तेदार को खो चुके जी विनय ने पीटीआई- से कहा, “पहले मैंने सोचा कि एलपीजी सिलेंडर से रिसाव हुआ है। जब हम बाहर आए तो पता चला कि हमारे गांव के पास स्थित एल जी पॉलीमर फैक्टरी से रिसाव हुआ था।”
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