G7 Speech: जी-7 के नेता टीका, चीन और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के न्यूनतम कर को लेकर सहमत
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Pixabay)

G7 Speech: दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में रविवार को जी-7 के शिखर सम्मेलन के समापन पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने समूह के नेताओं के बीच तालमेल की सराहना की. पिछले दो साल में पहली बार प्रत्यक्ष तौर पर समूह की बैठक हुई. जी-7 के नेता प्रदर्शित करना चाहते थे कि महामारी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित रवैये के कारण पड़े असर के बाद अंतरराष्ट्रीय सहयोग की फिर से शुरुआत हुई है. जी-7 के नेता यह भी जताना चाहते थे कि चीन जैसे अधिनायकवादी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में गरीब देशों के लिए समूह के कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका अच्छे मित्र हैं.

जॉनसन ने कहा कि जी-7 दुनिया के बाकी हिस्सों में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल्य का प्रदर्शन करेगा और "दुनिया के सबसे गरीब देशों को खुद को हरित और टिकाऊ तरीके से विकसित करने में मदद करेगा, कॉर्नवाल तट पर तीन दिनों की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है कि हम अपनी प्रशंसा पर मुग्ध हो जाएं और इस बारे में बात करें कि वे मूल्य कितने महत्वपूर्ण हैं. यह बाकी दुनिया पर हमारे मूल्य थोपने के बारे में नहीं है.  जी-7 के तौर पर हमें बाकी दुनिया को लोकतंत्र और स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों के फायदे को प्रदर्शित करने का मौका मिला है. यह भी पढ़े: Sputnik V Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ने DCGI से मांगी स्पुतनिक-V वैक्सीन बनाने के लिए अनुमति

जॉनसन ने कहा कि 2022 के अंत तक देशों को सीधे तौर पर और अंतरराष्ट्रीय ‘कोवैक्स’ पहल, दोनों तरीके से कोविड-19 रोधी टीकों की एक अरब खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। इस प्रतिबद्धता के बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया की कम से कम 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण और महामारी को समाप्त करने के लिए और 11 अरब और खुराकों की जरूरत है.

जी-7 के देशों ने कर से बचने का प्रयास कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कम से कम 15 प्रतिशत वैश्विक कर लगाने को लेकर भी चर्चा की. अमेरिका ने न्यूनतम कर की पैरवी की और राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि एक साथ काम करते हुए यह सम्मेलन ज्यादा उचित वैश्विक अर्थव्यवस्था का समर्थन कर सकता है. समूह द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘चीन के संबंध में और प्रतिस्पर्धा के लिए हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था को कमजोर करने वाली बाजार विरोधी नीतियों और प्रथाओं को चुनौती देने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर परामर्श करना जारी रखेंगे.

नेताओं ने कहा कि वे चीन से शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों और मौलिक आजादी का सम्मान करने के लिए कहेंगे. चीन पर आरोप है कि शिनजियांग में अल्पसंख्यक उईगुर के अधिकारों का वह हनन कर रहा है. सम्मेलन की मेजबानी करने वाले जॉनसन चाहते थे कि तीन दिवसीय सम्मेलन से फिर से ‘ग्लोबल ब्रिटेन’ का झंडा बुलंद हो। सम्मेलन पर ब्रेक्जिट के बाद के समझौते को लेकर चल रहे विवाद का भी साया पड़ा। यूरोपीय संघ के नेताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उत्तरी आयरलैंड को लेकर ब्रिटेन-ईयू के बीच तनाव पर चिंता प्रकट की.

जी-7 का आखिरी सम्मेलन 2019 में फ्रांस में हुआ था. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका में यह सम्मेलन आयोजित नहीं हो पाया. सम्मेलन में शिरकत करने आए नेताओं का पहले दिन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भव्य स्वागत किया और दूसरे दिन ‘रॉयल एयर फोर्स रेड एरोस’ ने हवा में अपने कौशल का प्रदर्शन किया.

अमेरिका के सहयोगी देशों ने भी राहत की सांस ली है कि ट्रंप के कार्यकाल के बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका की वापसी हुई है। जॉनसन ने जी-7 के सम्मेलन में बाइडन को ‘‘ताजा हवा का झोंका’’ बताया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बाइडन के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘‘यह देखना शानदार है कि इस समूह में अमेरिकी राष्ट्रपति की भागीदारी हुई और उन्होंने सहयोग की इच्छा जतायी.

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