वाशिंगटन, छह सितंबर : व्हाइट हाउस ने कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडन जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे उनमें विकासशील देशों के लिए काम करना, जलवायु, प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर प्रगति करना और बहुपक्षीय विकास बैंकों को नया आकार देना शामिल हैं. व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में समूह इन विषयों पर प्रगति करने में सक्षम होगा. राष्ट्रपति बाइडन बृहस्पतिवार को जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नई दिल्ली जाएंगे। राष्ट्रपति बाइडन शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे और शनिवार और रविवार को राष्ट्रपति जी-20 शिखर सम्मेलन के आधिकारिक सत्र में शामिल होंगे.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जी-20 के प्रमुख के रूप में, वह उभरते बाजार भागीदारों के साथ मिलकर बड़ी चीजें करने के लिए काम करने के वास्ते प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दुनिया इस सप्ताह के अंत में नई दिल्ली में यही देखेगी.’’ सुलिवन ने कहा कि जी-20 के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता कम नहीं हुई है और उसे उम्मीद है कि नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में यह प्रदर्शित होगा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं इस चुनौतीपूर्ण समय में भी मिलकर काम कर सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जैसे ही हम नई दिल्ली की ओर रवाना होंगे, हमारा ध्यान विकासशील देशों के लिए काम करने पर होगा.’’ सुलिवन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए धन्यवाद, हमें उम्मीद है कि हम उन सभी चीजों को करने में सक्षम होंगे.’’
शिखर सम्मेलन में अमेरिका की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दों पर सुलिवन ने कहा कि जी-20 में जाने के लिए अमेरिका का मुख्य ध्यान बहुपक्षीय विकास बैंकों, विशेष रूप से विश्व बैंक और अन्तरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) को मौलिक रूप से नया आकार देने और उसे आगे बढ़ाने के एजेंडे पर काम करना है. उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि ये संस्थान विकासशील देशों में पारदर्शी और उच्च गुणवत्ता वाले निवेश जुटाने के लिए हमारे पास मौजूद सबसे प्रभावी उपकरणों में से कुछ हैं. यही कारण है कि अमेरिका ने इन संस्थानों को विकसित करने के लिए वर्तमान में जारी प्रयासों का समर्थन किया है ताकि वे वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें.’’
सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन जी-20 सदस्य देशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सार्थक ऋण राहत प्रदान करने का भी आह्वान करेंगे ताकि निम्न और मध्यम आय वाले देश वर्षों के अत्यधिक संकट के बाद फिर से अपना पैर जमा सकें.
उन्होंने कहा कि यह समूह जलवायु से लेकर स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक तक अन्य प्रमुख प्राथमिकताओं पर भी प्रगति कर रहा है, जिसमें अधिक समावेशी डिजिटल परिवर्तन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) विकास के लिए एक जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाना शामिल है. उन्होंने कहा कि अमेरिका भी जी-20 के नवीनतम स्थायी सदस्य - के रूप में अफ्रीकी संघ का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए उत्सुक है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अफ्रीकी संघ की आवाज जी-20 को मजबूत बनाएगी.’’सुलिवन ने कहा कि इस बात पर लगातार ध्यान दिया जाएगा कि जी-20 यूक्रेन में रूस के ‘‘अवैध’’ युद्ध से कैसे निपटता है.
उन्होंने जून में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने हाल में इस साल की शुरुआत में उनकी राजकीय यात्रा के दौरान लोकतंत्र और मानवाधिकारों से संबंधित सवालों पर खुद बात की है. उन्होंने कहा, ‘‘इन मुद्दों पर हमारी स्थिति स्पष्ट है। यह हमारे राष्ट्रपति के बयानों में प्रदर्शित होता है.’’ इस सवाल पर कि क्या भारत और चीन के बीच तनाव सहयोग को प्रभावित करता है, सुलिवन ने कहा, ‘‘वास्तव में, यह चीन पर निर्भर करता है कि वह सकारात्मक भूमिका निभाना चाहता है या नकारात्मक। उसके पास दोनों विकल्प उपलब्ध हैं.’’
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