कोलकाता, तीन फरवरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी सरकार 21 फरवरी तक राज्य के 21 लाख मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में धनराशि अंतरित कर देगी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष बनर्जी ने शुक्रवार को शहर में बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने 48 घंटे का धरना शुरू किया और केंद्र से विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए “ बकाया राशि” जारी करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि वह जल्द ही आवास योजना के लिए जारी न की गई धनराशि के संबंध में एक और घोषणा लेकर आएंगी।
बनर्जी ने धरना स्थल से घोषणा की, “हमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भीख नहीं मांगनी है और न ही हमें भाजपा की भीख चाहिए। 21 फरवरी तक हम उन 21 लाख श्रमिकों के बैंक खातों में पैसे अंतरित कर देंगे, जिन्हें पिछले तीन साल से काम करने के बाद भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का पैसा नहीं मिला है। यह मेरा पहला कदम है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार सोच रही है कि बंगाल को भूखा मार देंगे। हम उन्हें इसमें सफल नहीं होने देंगे... मुझ पर विश्वास रखें...। मैं धीरे-धीरे चरण दर चरण उस धनराशि को निकालने का प्रयास करूंगी, जो अभी फंसी हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह लड़ाई उन लोगों के लिए है जो वंचित हैं। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और बंगाल में एक भी गरीब को वंचित नहीं रहने देंगे। जब तक मैं जिंदा हूं आप लोगों के लिए लड़ती रहूंगी।’’
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पूरी ताकत से उतरेगी और दावा किया कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आ जाएं तो केंद्र की भाजपा सरकार जरूर गिर जाएगी।
बनर्जी ने कहा, ‘‘ मैं पूरी ताकत से खेलूंगी और जीतूंगी। यदि सभी राज्य, सभी प्रमुख संगठन और सभी क्षेत्रीय दल तथा राष्ट्रीय दल आगे आते हैं, तो मुझे लगता है कि भाजपा का पतन तय है। अगर भाजपा सोचती है कि वे यहां लंबे समय तक टिके रहेंगे तो यह गलत है। उन्होंने लंबे समय तक देश की जनता पर अत्याचार किया है। ’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को कभी भी लागू नहीं होने देंगी।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर एवं राजनेता कीर्ति आजाद और सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने शनिवार को धरना मंच पर बनर्जी से मुलाकात की थी।
रवि कांत संतोष
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