हैदराबाद, 31 दिसंबर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने फॉर्मूला-ई रेस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करने वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव की याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
उच्च न्यायालय ने रामा राव की अग्रिम जमानत को भी आदेश सुनाए जाने तक बढ़ा दिया।
रामा राव को केटीआर के नाम से भी जाना जाता है।
न्यायमूर्ति के लक्ष्मण ने राज्य सरकार और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
महाधिवक्ता ए सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि व्यावसायिक नियमों और आवश्यक मंजूरी का पालन किए बिना फॉर्मूला ई संगठन को भुगतान किया गया था जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि मामले में कोई आपराधिकता नहीं थी।
तेलंगाना एसीबी ने 19 दिसंबर को बीआरएस सरकार के दौरान हैदराबाद में फॉर्मूला-ई रेस आयोजित करने के लिए कथित भुगतान को लेकर मंत्री रहे रामा राव के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ऐसा आरोप है कि भुगतान का एक हिस्सा बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में था।
यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।
इस हेरफेर के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को लगभग 55 करोड़ रुपये का कथित तौर पर नुकसान हुआ।
प्राथमिकी में अब विधायक रामा राव को मुख्य आरोपी बनाया गया है जबकि वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः दूसरा और तीसरा आरोपी बनाया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)