देश की खबरें | ज्यादा पैरा खिलाड़ियों को खेल रत्न मिलते देखना अच्छा होता: प्रवीण कुमार

नयी दिल्ली, तीन जनवरी ऊंची कूद के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक की बदौलत चार ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं में शामिल होने से खुश हैं और उनका कहना है कि और ज्यादा पैरा खिलाड़ियों का देश के इस सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए चयन किया जाता तो उन्हें और अधिक खुशी होती।

प्रवीण के अलावा दो ओलंपिक पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश और पेरिस खेलों के कांस्य विजेता पुरुष हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह के साथ खेल रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

तोक्यो ओलंपिक के अपने कांस्य को पेरिस में स्वर्ण में बदलने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह जैसे कुछ पैरा खिलाड़ियों ने खेल रत्न के लिए विचार नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की है। पेरिस पैरालिंपिक में भारत ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन कर 29 पदक हासिल किये जिसमें सात स्वर्ण शामिल हैं।

प्रवीण ने ‘पीटीआई’ को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि अगर पेरिस ओलंपिक के कुछ पदक विजेताओं को भी खेल रत्न मिलता तो उन्हें खुशी होती लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे सिर्फ इतना कहूंगा कि हिम्मत नहीं हारें और अच्छा प्रदर्शन करते रहें। पैरा खेलों को सिर्फ एक खेल रत्न दिया गया है और यह संख्या और होनी चाहिए थी। मुझे अच्छा लगता अगर दो-तीन और पैरा खिलाड़ियों को खेल रत्न दिया जाता। ’’

21 वर्षीय प्रवीण के पैरों में जन्म से विकृति थी जिसके कारण उनके दोनों पैर कमजोर थे। उनका एक पैर छोटा है जिससे उन्हें नियमित फिजियोथेरेपी की जरूरत थी। उनके पिता उनका सबसे बड़े सहारा बने।

प्रवीण ने कहा कि वह हमेशा सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते थे जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि यह ‘बहुत कठिन काम’ होगा। उन्होंने पेरिस में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक को स्वर्ण पदक में तब्दील किया।

नयी दिल्ली के साउथ एक्स में रहने वाले प्रवीण जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सात से आठ घंटे ट्रेनिंग करते हैं और अब उन्हें साल के अंत में राजधानी में होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने की उम्मीद है।

प्रवीण ने कहा, ‘‘ओलंपिक में सफलता हासिल करना और अपनी सफलता के लिए खेल रत्न पुरस्कार मिलने पर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। यह मेरे लिए सपने का सच होना है। यह पुरस्कार मुझे विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेरे घरेलू मैदान में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित करेगा। ’’

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