चेन्नई, एक जुलाई प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को यहां एक सत्र अदालत को बताया कि धन शोधन मामले में मुकदमे की कार्यवाही को रोकने के परोक्ष इरादे से तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी लगातार याचिकाएं दायर कर रहे हैं और इस तरह मुकदमे की सुनवाई शुरू होने में देरी कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय के उप निदेशक कार्तिक दासारी ने बालाजी द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में प्रधान सत्र न्यायाधीश एस. अली के समक्ष दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में यह बात कही।
बालाजी ने याचिका में वर्तमान कार्यवाही को स्थगित करने तथा मामले को बाद की तारीख के लिये स्थगित करने की मांग की। अन्य दो याचिकाओं में उन्होंने “जिन दस्तावेजों को आधार बनाया गया संख्या 16 और 17” में गायब दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की - उनके खाते से संबंधित चालान की प्रतियां, जिन्हें ईडी ने अपनी जांच में एकत्र किया था।
अपने जवाबी हलफनामे में दासारी ने कहा कि याचिकाकर्ता/ आरोपी ने पहले ही मुकदमे की कार्यवाही स्थगित करने के लिए याचिका दायर कर दी थी और इस अदालत ने उसे खारिज कर दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने अपील दायर की थी और यह मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
उन्होंने कहा, “राहत “वर्तमान कार्यवाही को स्थगित करना” धारा 309 सीआरपीसी के दायरे में नहीं आता है। इस चरण में इस याचिका की कोई प्रासंगिकता नहीं है और याचिकाकर्ता इसका इस्तेमाल आरोपमुक्त करने से जुड़ी याचिका पर आदेश सुनाने और आरोप तय करने की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिये एक औजार के तौर पर नहीं कर सकता।
इस याचिका की स्वीकार्यता और स्थिरता पर तब विचार किया जा सकता है जब सुनवाई शुरू हो।”
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता/आरोपी उच्च न्यायालय के निर्देशों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए विभिन्न मंचों पर याचिकाएं दायर करके मुकदमे की सुनवाई शुरू होने में देरी कर रहा है।
न्यायाधीश ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की।
न्यायाधीश ने पूर्व मंत्री की हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ा दी।
पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान परिवहन मंत्री रहे बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून, 2023 को नकदी के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
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