इस्लामाबाद, 28 अप्रैल इस्लामाबाद की एक शीर्ष अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ दर्ज सैन्य विद्रोह के मामले में शुक्रवार को उन्हें तीन मई तक गिरफ्तारी से संरक्षण दे दिया।
मजिस्ट्रेट मंजूर अहमद खान ने इस्लामाबाद के रमना पुलिस थाने में इस महीने की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘‘संस्थानों तथा जनता के बीच नफरत फैलाने’’ और ‘‘संस्थानों और उनके शीर्ष अधिकारियों को अक्षम्य नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने’’ के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
प्राथमिकी में कहा गया है कि क्रिकेटर से नेता बने खान ने 19 मार्च को लाहौर में अपने जमान पार्क आवास से एक भाषण में ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस’ (आईएसआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कई आरोप लगाए तथा कथित तौर पर ‘‘चरित्र हनन’’ किया।
खान ने आज इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी जहां मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने मामले की सुनवाई करने के बाद उन्हें 1,00,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख मामले के लिए लाहौर से इस्लामाबाद आए, जहां पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए थे।
इस मौके पर अपने नेता के साथ एकजुटता जताने के लिए बड़ी संख्या में पीटीआई समर्थक मौजूद रहे।
खान (70) ने ट्वीट किया कि इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र की पुलिस ने उनके शांतिप्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
‘डॉन’ अखबार ने बताया कि अदालत कक्ष में पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में खान ने कहा कि उन्होंने फवाद चौधरी और शाह महमूद कुरेशी से इस शर्त पर सरकार के साथ बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया था कि सत्तारूढ़ पार्टी विधानसभाओं को तत्काल भंग करने तथा चुनाव कराने के लिए तैयार रहेगी।
कुरैशी और चौधरी चुनाव कराने को लेकर विवाद हल करने के लिए सरकार के साथ वार्ता कर रहे पीटीआई के तीन सदस्यीय दल का हिस्सा हैं।
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