लखीमपुर खीरी (उप्र), पांच जुलाई दुधवा बाघ अभयारण्य (डीटीआर) बफर जोन के खैरतिया क्षेत्र में करीब छह व्यक्तियों के मारे जाने के बाद 27 जून को वन विभाग द्वारा पकड़े गये नर बाघ को मंगलवार को जंगल में छोड़ दिया गया।
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार पाठक ने बताया कि करीब छह से सात वर्ष के नर बाघ को सोमवार को कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से वापस लाया गया और बाघ को मंगलवार तड़के दुधवा के जंगलों में छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि उप निदेशक बफर जोन सुंदरेश, आईपी बोपन्ना और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) के रोहित रवि और डॉ मोहित गुप्ता समेत कई लोग मौजूद थे।
पाठक ने कहा कि रिहा करने से पहले बाघ के गले में एक रेडियो कॉलर लगाया गया ताकि उसकी गतिविधियों और व्यवहार पर नजर रखी जा सके।
भारत-नेपाल सीमा पर दुधवा बफर जोन के मांझरा पूरब क्षेत्र के खैरतिया गांव के पास 21 मई से लगातार कई व्यक्ति जंगली जानवरों के शिकार हो गये थे।
दुधवा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ को पकड़ने, पिंजरे, कैमरे लगाने और इलाके की तलाशी लेने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया।
सं आनन्द
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