रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 27.2 प्रतिशत तक पहुंची
दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में बढ़कर 27.2 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी.
नयी दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में बढ़कर 27.2 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी. आरआईएल ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में 30 सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में कंपनी में शेयरधारिता के बारे में जानकारी दी.
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बयान के अनुसार इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के पास कंपनी के 165.8 करोड़ शेयर हैं जो 25.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. इससे पहले जून तिमाही में विदेशी निवेशकों के पास कंपनी के 163.07 करोड़ शेयर यानी 24.72 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
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इसके अलावा, पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के पास 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 2.05 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. इस प्रकार कुल विदेशी हिस्सेदारी 27.2 प्रतिशत बैठती है. जेपी मोर्गन ने निवेशकों को जारी एक नोट में कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. में एफआईआई की हिस्सेदारी 27.2 प्रतिशत है जो तिमाही आधार पर 0.6 प्रतिशत बढ़ा है.’’
इधर, घरेलू म्युचुअल फंड्स ने रिलायंस में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. जून तिमाही में घरेलू म्यूचुअल फंडों की आरआईएल में हिस्सेदारी 5.37 प्रतिशत थी जो 30 सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में घटकर 5.12 प्रतिशत रह गई.
रिलायंस ऊर्जा क्षेत्र की एकमात्र कंपनी है जहां एफआईआई ने पिछले एक-दो तिमाहियों में हिस्सेदारी बढ़ायी है. वहीं उन्होंने अन्य तेल विपणन और गैस कंपनियों में हिस्सेदारी घटायी है. प्रवर्तकों ने भी आरआईएल में अपनी हिस्सेदारी 50.37 प्रतिशत से बढ़ाकर 50.49 प्रतिशत कर ली है.
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