नयी दिल्ली, 5 दिसंबर : राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधांशु त्रिवेदी ने बृहस्पतिवार को विदेशी शक्तियों के भारत की व्यवस्था के आर्थिक, नैतिक और सामाजिक पक्ष पर आक्रमण करने का दावा करते हुए इसकी विस्तृत जांच की मांग उठाई. शून्यकाल के दौरान जब त्रिवेदी यह मुद्दा उठा रहे थे तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि सत्ताधारी दल के सदस्य को तीन मिनट से अधिक का समय क्यों दिया जा रहा है. शून्य काल के दौरान प्रत्येक सदस्य को लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए तीन मिनट आवंटित किए जाते हैं. हालांकि, सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की आपत्तियों को खारिज कर दिया और त्रिवेदी की ओर से उठाए जा रहे मुद्दे को ‘बहुत गंभीर’ बताते हुए उन्हें अपनी बात पूरी करने की इजाजत दे दी. इसे लेकर कुछ देर सदन में हंगामा हुआ और कार्यवाही भी बाधित हुई. हंगामे के कारण कार्यवाही 11 बज कर 16 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.
त्रिवेदी ने ‘विदेश से राष्ट्रीय हितों पर संदिग्ध और सुस्पष्ट हमलों पर चिंता’ विषय पर अपनी बात रखते हुए उन घटनाओं का हवाला दिया जिनमें पिछले तीन वर्षों में संसद सत्र से ठीक पहले या उसके दौरान अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा भारत से संबंधित मुद्दों को उठाया गया था. उन्होंने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक ताकत बनकर उभरा है, तब से देश में विदेशी शक्तियों का परोक्ष रूप से हस्तक्षेप बढ़ा है. त्रिवेदी ने कहा, ‘‘विशेष कर विगत तीन वर्षों से जब से विकसित भारत का लक्ष्य रखा गया है, विदेश की ऐसी बहुत सी गतिविधियां हैं, जो भारत की व्यवस्था के आर्थिक, नैतिक और सामाजिक पक्ष पर आक्रमण कर रही हैं.’’ उन्होंने ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ की एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसे विदेशी सरकारों की फंडिंग है और इसके केंद्र में भारत भी है. यह भी पढ़ें : Sambhal Violence: संभल एसपी ने हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, बोले- ‘उपद्रवियों से ही होगी नुकसान की वसूली’
त्रिवेदी ने इसके साथ ही कहा कि दावा किया गया है कि अमेरिकी उद्यमी जार्ज सोरोस का भी इस रिपोर्ट से संबंध है. भाजपा सदस्य ने कहा कि विगत तीन वर्षों में देखा गया है कि जब भी संसद का सत्र आरंभ होने को होता है तो कभी किसानों के बारे में रिपोर्ट आती है तो कभी पैगासस की तो कभी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आ जाती है. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, ‘‘क्या यह एक संयोग है?’’ उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 20 जुलाई 2023 को भारत में संसद का सत्र शुरू होना था तब मणिपुर हिंसा का वीडियो ठीक एक दिन पहले सामने आता है. उन्होंने कहा कि भारत में जब लोकसभा के चुनाव चल रहे थे तब इसी प्रकार कोविड के टीके को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी. त्रिवेदी ने कहा कि जब यह वर्तमान सत्र 25 नवंबर से प्रारंभ हो रहा था तब 20 नवंबर को अमेरिकी अदालत के एक अटॉर्नी की रिपोर्ट आती है और उसे लेकर हंगामा किया जाता है.
त्रिवेदी अभी बोल ही रहे थे कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि शून्यकाल में तीन मिनट से अधिक नहीं बोलने का प्रावधान होने के बावजूद सदस्य अपनी बात रखे जा रहे हैं. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और इस पर हर किसी के विचार आने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हम सबसे बड़े लोकतंत्र को गैरक्रियाशील नहीं बना सकते हैं. पूरे सदन को एकजुट रहना चाहिए. अगर ऐसा कोई ट्रेंड है, ऐसी कोई पहल है... जो खतरनाक है...जो हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है....’’ इसके बाद सभापति ने कहा कि वह त्रिवेदी को अपनी बात पूरी करने की इजाजत देते हैं. इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया.
हंगामे के बीच ही त्रिवेदी ने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव भारत के राजनीतिक इतिहास का एकमात्र चुनाव था जब विदेश की एक सरकार ने... रूसी सरकार ने आधिकारिक तौर पर बयान दिया था कि भारत के चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह (गतिविधियां) जान कर हो रहा है या अनजाने में हो रहा है. अगर अनजाने में हो रहा है तो इस पर ईमानदारी से चर्चा होनी चाहिए और अगर जानबूझकर हो रहा है तो इसकी गहन जांच होनी चाहिए.’’ त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने किसी घटना का जिक्र नहीं किया है बल्कि सिलसिलेवार हो रही गतिविधियों के क्रम का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा, ‘‘इस क्रम को सदन में बैठा हुआ हर व्यक्ति साफ-साफ देख सकता है.’’
त्रिवेदी ने कहा, ‘‘जिन लोगों के दिल में यह ख्वाब है कि वह भारत को झुका देंगे तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से आगे बढ़ रहे हैं... यह मत सोचो कि विदेश से किसी चीज का आज प्रभाव पड़ने वाला है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत अपने स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है.’’ त्रिवेदी जब बोल रहे थे तब सदन में हंगामा जारी था. सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन को बोलने का अवसर दिया लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
हालांकि दोपहर 12 बजे जब कार्यवाही दोबारा आरंभ हुई तो सदन व्यवस्थित था और शांतिपूर्ण तरीके से प्रश्नकाल संपन्न हुआ. प्रश्नकाल के बाद जब वायुयान विधेयक पर चर्चा चल रही थी तब तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने त्रिवेदी को शून्यकाल के दौरान तीन मिनट से अधिक समय दिए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि वे आसन से संरक्षण चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘...हमें कुछ नए नियमों की आदत हो रही है... जब शून्यकाल तीन मिनट का होता है तो उसे छह मिनट का कर दिया जा रहा है. हमें संरक्षण दें सर.’’ हालांकि, उस वक्त आसन पर उपसभापति हरिवंश थे और उन्होंने ओब्रायन की बात का कोई जवाब नहीं दिया.