बेंगलुरु, 24 अप्रैल बेंगलुरु के पदारायणपुरा क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने के आरोप में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए लोगों में से पांच लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल से अस्पताल भेज दिया गया है।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ सी एन अश्वथ नारायण ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ग्रीन जोन (जहां संक्रमण का एक भी मामला नहीं है) में आने वाले रामनगर जिले में जनता दल सेक्युलर (जदएस) की ओर से धरना-प्रदर्शन किए जाने की धमकी के बीच सरकार ने अन्य 121 लोगों को भी बाद में यहां हज भवन में स्थानांतिरित कर दिया।
राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, '' हम कैदियों को बेंगलुरु स्थित हज भवन में स्थानांतरित कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने आवश्यक अनुमति प्रदान कर दी है। उन्हें स्थानांतरित करने के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरती गईं हैं।''
पदारायणपुरा में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमला करने के आरोप में 19 अप्रैल को कुल 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्हें अदालत में पेश किया गया था जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में रामनगर की एक जेल में भेज दिया गया था।
नारायण ने शुरुआत में यहां संवाददाताओं को बताया,‘‘हमने सभी कैदियों की जांच की जिसमें पांच लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। पांचों लोगों को अस्पताल भेज दिया गया है।’’
स्वास्थ्य कर्मी क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को पृथक-वास में रखने के लिए गए थे लेकिन वहां लोगों ने उन पर हमला कर दिया था।
रामनगर जेल को एक तरह से कोविड-19 में तब्दील कर दिया गया था और पदारायणपुरा मामले में गिरफ्तार लोगों को यहीं रखा गया था। वहीं, रामनगर क्षेत्र जदएस का गढ़ माना जाता है और यहां कोविड-19 के संक्रमण का एक भी मामला नहीं होने के चलते पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को सरकार के इस कदम का विरोध करने का मौका मिल गया।
कुमारस्वामी ने कहा कि अगर रामनगर में बीमारी फैली तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने इसके विरोध में विशाल धरना देने की चेतावनी भी दी।
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