देश की खबरें | भारत के प्रथम मतदाता ने हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव में अपना वोट डाला
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

शिमला, 17 जनवरी नजर कमजोर होने और घुटने में दर्द के बावजूद भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी रविवार को पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए हिमाचल प्रदेश के किन्नौर स्थित अपने मतदान केंद्र पहुंचे।

103 वर्षीय नेगी ने कल्पा मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला जहां जिला प्रशासन ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

हिमाचल प्रदेश में तीन चरण के पंचायत चुनाव के पहले चरण में रविवार को वोट डाले गए।

उपायुक्त हेमरात बैरवा ने नेगी का किन्नौरी टोपी और शॉल भेंट करके सम्मान किया। उपायुक्त ने कहा कि युवा मतदाताओं को नेगी से प्रेरणा लेनी चाहिए जो अपना स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद वोट डालने के लिए आये।

नेगी ने लोगों के लिए अपने संदेश में कहा कि मतदाताओं को अच्छे और सक्षम उम्मीदवारों का चयन करने के लिए चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए।

नेगी ने हिंदी फिल्म ‘सनम रे’ में एक विशेष भूमिका निभायी थी। उन्होंने कहा कि वह मतदान का अवसर कभी नहीं चूकते, चाहे पंचायत चुनाव हो, विधानसभा या लोकसभा चुनाव।

उन्होंने लोगों से राज्य में अपनी पंचायतों के लिए ईमानदार उम्मीदवारों का चयन करने की अपील की।

आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार नेगी को 1952 के आम चुनाव का पहला मतदाता माना जाता है और उनका जन्म एक जुलाई 1917 को हुआ था। वह एक स्कूल शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

निर्वाचन अधिकारी संजीव महाजन ने कहा पहले चरण में रविवार को 1,227 पंचायतों के लिए मतदान हुआ। उन्होंने कहा कि बाकी दो चरणों में 19 और 21 जनवरी को मतदान होना है। उन्होंने बताया कि राज्य में 3,615 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 3,583 के लिए मतदान होगा। उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पीति जिले के कीलोंग के 32 में मतदान नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि मतदान के तुरंत बाद वार्ड सदस्यों, उप ग्राम प्रधानों और ग्राम प्रधानों के लिए मतगणना होगी। हालांकि, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के लिए हुए वोट की गिनती 22 जनवरी को की जाएगी।

महाजन ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया 23 जनवरी तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टी के चिह्न पर नहीं।

इस बीच हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग ने कांगड़ा प्रशासन को एक पत्र लिखकर पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची में राज्य के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का नाम नहीं होने की जांच करने का आदेश दिया है।

निर्चाचन आयोग के सचिव ने कांगड़ा के उपायुक्त को लिखे एक पत्र में सवाल किया है कि धर्मशाला विकास खंड के अंतर्गत आने वाली रक्कर पंचायत की मतदाता सूची में कांग्रेस नेता का नाम कैसे छूट गया।

सचिव ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे निर्देश दिया गया है कि मैं आपसे इस संबंध में जांच कराने और इस पत्र की प्राप्ति से सात दिनों के भीतर आयोग को अपनी टिप्पणी के साथ एक रिपोर्ट भेजने का अनुरोध करूं।’’

पिछले सप्ताह राज्य के पूर्व शहरी विकास मंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रदेश की लगभग हर पंचायत में सैकड़ों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। शर्मा ने कहा था कि उनका नाम भी मतदाता सूची से गायब है और ज्यादातर मतदाता जिनके नाम गायब हैं, वे कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करते हैं।

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