देश की खबरें | लॉकडाउन के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति की पहली बैठक हुयी

नयी दिल्ली, 10 जुलाई कोविड-19 के कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद पहली बार शुक्रवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी संसदीय समिति की बैठक हुयी। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बैठक शुरू होने पर खुशी जतायी।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश की अध्यक्षता में समिति की पहली बैठक हुयी। संसद का बजट सत्र निर्धारित समय से पहले ही को 23 मार्च को स्थगित कर दिया गया था।

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नायडू ने कहा कि संसदीय समिति की बैठकों के फिर से शुरू होने में देरी नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी।

उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि 23 मार्च को संसद की आखिरी बैठक के साढ़े तीन महीने बाद विभागों से संबंधित स्थायी संसदीय समितियों ने कामकाज फिर से शुरू कर दिया है।"

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उन्होंने कहा कि हर कोई इन समितियों द्वारा काम फिर से शुरू किए जाने को लेकर उत्सुक था, "लेकिन देरी हमारे नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी।’’

नायडू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने संसद की ओर से काम करने वाली इन समितियों के कामकाज को प्रभावित किया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि समिति की बैठकों के लिए सामाजिक दूरी का पालन, मास्क पहनने जैसे सभी संभव उपाय किए गए थे।

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ये समितियां अब संबंधित क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर गौर करेगी।’’

रमेश ने डिजिटल बैठकों के आयोजन के लिए नायडू से अनुरोध करते हुए एक ट्वीट में कहा, "मैं अब भी आपसे अनुरोध करूंगा कि डिजिटल बैठकों की अनुमति दी जाए क्योंकि कम से कम अगले महीने तक संसद की बैठक होने की संभावना नहीं है।’’

विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों ने कोविड​​-19 संबंधी सरकार की तैयारियों और इससे निपटने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की।

सूत्रों के अनुसार बैठक में छह सदस्यों ने भाग लिया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अलावा सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कोविड-19 की केंद्र की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बैठक में उपस्थित सदस्यों ने डिजिटल विचार-विमर्श का अनुरोध किया।

रमेश ने बैठक के संबंध में ट्वीट किया और कहा कि बैठक जानकारीपूर्ण और उपयोगी रही। हालांकि उन्होंने अफसोस जताया कि हमें डिजिटल बैठकें करने की अनुमति नहीं है। ऐसा होने पर अधिक सांसद भाग ले सकते थे।

गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक 15 जुलाई को होने वाली है।

समिति के सदस्य डिजिटल बैठकों की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि इसके लिए संसद की नियम समिति द्वारा नियमों में बदलाव और संसद से मंजूरी की आवश्यकता है।

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