नयी दिल्ली, एक मई राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के जरिए पेश होने के वास्ते पर्याप्त व्यवस्था न करने के लिए एक आरोपी पर बुधवार को एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला खजूरी खास थाने में दर्ज दंगे से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे। मामला अभियोजन द्वारा सुबूत दाखिल करने के चरण में है।
अदालत ने रेखांकित किया कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के परीक्षण को टालना पड़ा, क्योंकि आरोपी सरफराज़ ने वीसी के जरिए पेश होने का विकल्प चुना था, लेकिन उसकी वीडियो ठीक तरह से काम नहीं कर रही थी।
अदालत ने कहा है कि सरफराज़ की उचित उपस्थिति की प्रतीक्षा करने के बावजूद, वीडियो लगातार काम नहीं रहा था और आरोपी ने कहा कि "उसकी तरफ का नेटवर्क ठीक नहीं है।"
अदालत ने कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय ने वीसी के माध्यम से किसी भी वादी को पेश होने की अनुमति दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस माध्यम से उपस्थिति उचित न हो।’’
उसने कहा कि जब कोई वादी या कोई वकील वीसी के माध्यम से उपस्थित होने का विकल्प चुनता है, तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह वीसी के माध्यम से उपस्थिति के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे, जो वीडियो और ऑडियो में किसी भी रुकावट के बिना होनी चाहिए।
अदालत ने अपना असंतोष व्यक्त करते हुए "स्थगन के लिए" आरोपी पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)