ताजा खबरें | वित्त मंत्री ने पूंजीगत व्यय में कटौती की बात से इनकार किया

नयी दिल्ली, एक अप्रैल पूंजीगत व्यय में कटौती किए जाने के विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें कोई कमी नहीं की गई है, बल्कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

वित्त मंत्री सीतारमण राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने ने कहा कि 2024-25 में पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘वास्तव में, इस वर्ष बजट में... यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसलिए, पूंजीगत व्यय में कोई कटौती नहीं की गई है।’’ उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त विशेष सहायता योजना के तहत राज्यों को दिए जाने वाले ऋण में भी आनुपातिक वृद्धि हुई है।

सीतारमण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के एक सवाल का जवाब दे रही थीं। चिदंबरम ने सवाल किया था कि वित्त वर्ष 2025 के लिए संशोधित बजट अनुमान में पूंजीगत व्यय को 11.11 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 10,18,429 करोड़ रुपये कर दिया गया।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त 50-वर्षीय विशेष सहायता की योजना 2020-21 में शुरू होने के बाद से राज्यों को जारी ऋण में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि 2020-21 के लिए राज्यों को 9,912 करोड़ रुपये की विशेष सहायता मंजूर की गई थी, लेकिन वास्तविक आवंटन 11,830 करोड़ रुपये था। 2024-25 में 1,53,673 करोड़ रुपये मंजूर किए गए और 26 मार्च तक राज्यों को लगभग 1,46,362 करोड़ रुपये जारी किए गए।

यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र निगरानी करता है कि राज्य धन का उपयोग पूंजीगत व्यय के लिए या किसी अन्य मद में कर रहे हैं, वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जब पैसा भेजा जाता है, तो तुरंत पता नहीं चलता कि इसका उपयोग पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा या नहीं।’’

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे समय बीतने के साथ, पैसे को विभिन्न डिजिटल तरीकों से व्यय के लिए विशिष्ट नोडल खातों में डाला जाता है, तब केंद्र को पता चलता है।

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