जरुरी जानकारी | वित्त आयोग ने पेय जल, स्वच्छता के लिये अनुदान को लेकर जल शक्ति मंत्रालय के साथ बैठक की

नयी दिल्ली,17 जून 15वें वित्त आयोग ने बुधवार को जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री और अधिकारियों के साथ पेय जल और स्वच्छता के लिये ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान पर बैठक की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार आयोग ने पेय जल आपूर्ति और साफ-सफाई के कार्यों में शामिल 2.5 लाख पंचायती राज संस्थानों की खास चिंताओं तथा पंचायती राज और जल शक्ति मंत्रालयों एवं राज्यों के साथ उनके ताल मेल से संबंधित मुद्दे रखे।

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आयोग को राज्यों के संचित निधि को बढ़ाने के बारे में जरूरी उपायों की भी सिफारिश करनी है ताकि वे आयोग की सिफारिशों के आधार पर अपनी पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों में और संवर्धन कर सके।

बयान के अनुसार, ‘‘इस संदर्भ में वित्त आयोग समझना चाहता है कि क्या 2020-21 की प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुभव और स्थानीय निकायों के लिये अनुदान को लेकर उसकी सिफारिशें 2021-22 से 2025-26 के लिये इस प्रकार के अनुदान को जारी रखने के लिये पर्याप्त है या उसमें सुधार की जरूरत है।’’

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15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह की जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह के साथ बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया।

पंचायती राज और जल शक्ति मंत्रालय ने मार्च में राज्यों को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये अनुदान का पेय जल उपलब्ध कराने और साफ-सफाई से जुड़ी सेवाओं के लिये प्रभावी उपयोग करने को कहा था।

पत्र में रेखांकित किया गया था कि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिये अपनी अंतरिम रिपोर्ट में जल आपूर्ति और स्वच्छता को ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये राष्ट्रीय प्राथमिकता वाला क्षेत्र चिन्हित किया है।

इसी के अनुसार 60,750 करोड़ रुपये में 50 प्रतिशत यानी 30,375 करोड़ रुपये ग्रामीण स्थानीय निकायों को स्वच्छाता और खुले में शौच की बुराई समाप्त करने तथा पेय जल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रमण के लिये अबंटित किये गये हैं।

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