नयी दिल्ली, 22 दिसंबर यदि आप तेज गति से चलते हैं तो आपको मधुमेह या हृदय संबंधी जैसी चयापचय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है। एक नवीनतम अध्ययन में यह दावा किया गया है।
जापान के दोशीशा विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने मोटापे, मोटी कमर, या दोनों से ग्रस्त लगभग 25,000 प्रतिभागियों पर एक स्वास्थ्य प्रश्नावली में एक ही प्रश्न के माध्यम से उनकी ‘व्यक्तिपरक चलने की गति’ को मापा। उनसे सवाल किया गया, ‘‘क्या आपकी चलने की गति आपकी आयु और लिंग की तुलना में अधिक है?’’
‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान नतीजों के मुताबिक, जो व्यक्ति ‘तेज चलने वाले’ के रूप में पहचाने जाते हैं, उनमें मधुमेह का जोखिम करीब 30 प्रतिशत कम होता है। उच्च रक्तचाप और डिसलिपिडेमिया (रक्त में असामान्य वसा स्तर) के जोखिम में भी मामूली, लेकिन उल्लेखनीय कमी देखी गई।
अनुसंधानकर्ताओं ने इस निष्कर्ष का श्रेय चलने की गति और समग्र स्वास्थ्य के बीच संबंध को दिया।
उन्होंने कहा कि तेज गति से चलने वाले लोगों में ‘कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस’ अकसर बेहतर रहती है, जो सूजन और ‘ऑक्सीडेटिव’ तनाव के कम स्तर से संबंधित है।
अध्ययन समूह में, 8,578 व्यक्तियों में मोटापा (बॉडी मास इंडेक्स द्वारा मापा गया), 9,626 में कमर की परिधि अधिक थी, और 6,742 में दोनों थे।
डोशिशा विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य एवं खेल विज्ञान संकाय के प्रोफेसर और प्रमुख अनुसंधानकर्ता कोजिरो इशी ने कहा, ‘‘इस अध्ययन ने स्पष्ट किया है कि मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों को चयापचय संबंधी बीमारियों का उच्च जोखिम होता है लेकिन तेज गति से चलने पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह और डिसलिपिडेमिया की आशंका कम हो सकती है।’’
अनुसंधान पत्र के लेखकों ने बताया कि ‘चलने की सापेक्षित गति’ स्वयं दर्ज की जाती है और इसे मानक परीक्षाओं में आसानी से शामिल किया जा सकता है, जबकि ‘चलने की वस्तुनिष्ठ गति’ के मूल्यांकन के लिए संसाधनों, समय और स्थान की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि ‘चलने की सापेक्षित गति’ माप की सरलता और सुगमता इसे नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक के तौर पर उपयोग के लिए आदर्श बनाती है।
इशी ने कहा, ‘‘यह प्रश्नावली (अध्ययन में प्रयुक्त) जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय द्वारा मानकीकृत प्रोटोकॉल में शामिल है।’’
उन्होंने कहा कि इससे विशेष उपकरणों की आवश्यकता के बिना त्वरित और आसान मूल्यांकन संभव हो गया।
इशी ने कहा, ‘‘तेज गति से चलने को बढ़ावा देना चयापचय संबंधी बीमारियों को रोकने में सहायक व्यक्तिगत व्यवहार हो सकता है, विशेष रूप से मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में।’’
धीरज नेत्रपाल
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