देश की खबरें | एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केन्द्र को ज्ञापन सौंपेंगे किसान : चढूनी

अंबाला (हरियाणा), 24 नवंबर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर किसान जल्द ही केन्द्र और हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे।

चढूनी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित अपनी अन्य लंबित मांगों को लेकर हम जल्द ही केन्द्र और राज्य सरकारों को ज्ञापन सौंपेंगे।’’

चढूनी ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों का संज्ञान नहीं लेती है तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

बीकेयू (चढूनी) ने किसान नेता दिवंगत सर छोटूराम की जयंती पर बृहस्पतिवार को अंबाला कैंट के पास मोहरा इलाके में अनाज मंडी में रैली भी निकाली। इसमें हरियाणा और पंजाब के किसानों ने हिस्सा लिया।

बीकेयू (चढूनी) ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से मांगों पर आश्वासन मिलने के बाद अंबाला में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 अवरूद्ध करने का आह्वान बुधवार को वापस ले लिया था।

किसान यूनियन ने केन्द्र द्वारा वापस ले लिए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द करने में राज्य सरकार की कथित असफलता के विरोध में बृहस्पतिवार को एनएच-44 अवरूद्ध करने का आह्वान किया था।

चढूनी ने बुधवार को कहा कि किसानों के शिष्टमंडल के साथ हुई बैठक में विज ने उनकी मांगे स्वीकार कर लीं, जिसके बाद एनएच-44 अवरुद्ध करने का आह्वान वापस ले लिया गया।

बाद में विज ने कहा था कि सरकार ने उनसे कहा है कि जघन्य अपराधों के अलावा अन्य सभी मामलों को वापस ले लिया जाएगा।

हरियाणा के गृहमंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी बयान के अनुसार, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान कुल 294 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 163 मामलों को रद्द करने की अनुमति राज्य सरकार ने दे दी है।

बयान के अनुसार, 98 मामलों में अदालत ने मुकदमा वापस लेने की अनुमति दे दी। बयान के अनुसार, राज्य सरकार के पास अनुमति के लिए चार मामले लंबित हैं, तीन मामलों पर सोनीपत की अदालत ने स्थगनादेश जारी किया हुआ है और पलवल में दर्ज एक मामले का पता नहीं चल पा रहा है, वहीं अन्य मामलों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया जारी है।

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