पटना, दो अक्टूबर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने शुकवार को कहा कि कृषि संबंधी नये कानूनों से किसान लाइसेंस और परमिट राज से मुक्त हो गया है और कांग्रेस सिर्फ विरोध करने के लिये इनका विरोध कर रही है ।
प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मोदी सरकार किसानों को समर्पित सरकार है । हमारी सरकार चाहती है कि किसान बंधन मुक्त हों । ’’
हाल ही में संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं और पूर्व में कांग्रेस भी यही बात कह रही थी व इसका उल्लेख उसके घोषणापत्र में भी रहा है ।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब वह (कांग्रेस) केवल विरोध के नाम पर विरोध कर रही है ।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ कांग्रेस, राजद यह समझ लें, न्यूनतम समर्थन मूल्य कभी समाप्त नहीं होगा, हमेशा जारी रहेगा ।’’
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों का समर्थन मूल्य भी बढ़ायेगी ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू किया है। भारत के 11 करोड़ किसानों के खातों में 94 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं। बिहार के लगभग 16 लाख किसानों को साढ़े 5000 करोड़ रुपए भेजे गए हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ अब नये कृषि संबंधी कानून से किसान लाइसेंस और परमिट राज से मुक्त हो गया है।’’
प्रसाद ने कहा कि पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और आरा का किसान अपने माल को कहीं भी भेज सकता है। अब किसी से इजाजत की जरूरत नहीं है ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ हमने नेशनल ई-मार्केट वेबसाइट बनायी औऱ पिछले 4 वर्षों में 1.62 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हुए हैं। डिजिटली एक लाख करोड़ रुपए का व्यापार किया है ।’’
गौरतलब है कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020'' और तथा “कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 तथा वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल-2020 को हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान मंजूरी मिली। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून अमल में आ गए हैं। कांग्रेस सहित अनेक विपक्ष दल इन नये कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें किसान विरोधी बता रहे हैं ।
बहरहाल, रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इनमें किसानों के हितों की जितनी भी सुरक्षा की जा सकती थी, वह की गई है। इससे किसानों को नया बाजार मिलेगा और उसे बंधन से मुक्ति मिलेगी ।
उन्होंने कहा कि नये कानून में विवाद निपटारे की भी उचित व्यवस्था की गई है। किसान चाहे तब अपने उत्पाद का मालिक खुद बन सकता है या प्रायोजक को अच्छी राशि पर बेच सकता है। प्रायोजक का कार्य किसानों की फसलों को बाजार से जोड़ने का रहेगा ।
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