तिरुवनंतपुरम, 27 सितंबर टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में लक्ष्य का बचाव करते हुए भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है लेकिन बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने आश्चर्यजनक रूप से ‘ओस’ को इसका एक कारण बताया जबकि हाल ही में संपन्न एशिया कप के दौरान ऐसा नहीं था।
एशिया कप के सुपर चार चरण से भारत ने छह टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं और उनमें से तीन में उसे हार और तीन में जीत मिली।
भारत को पाकिस्तान, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों हार का सामना लक्ष्य का बचाव करते हुए करना पड़ा।
राठौड़ के दावों के विपरीत दुबई में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद मीडिया से बात करने वाले भारतीय टीम के किसी भी सदस्य ने इसके लिए ओस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जिससे स्कोर का बचाव करना मुश्किल हो गया है।
राठौड़ ने यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘हम लक्ष्य का बचाव करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हमारे गेंदबाजों के लिए निष्पक्ष रहूं तो टॉस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हर बार जब हम लक्ष्य का बचाव करने में विफल रहे तो ये वे स्थान थे जहां ओस होती है जिससे लक्ष्य का पीछा करना आसान हो जाता है।’’
राठौड़ शायद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में हुए मुकाबले का संदर्भ देना चाह रहे थे जहां भारत 200 से अधिक के लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाया था। वह गेंदबाजों के प्रति सहानुभूति रखते हैं जिन्हें पिछले कुछ समय में आलोचना का सामना करना पड़ा है।
भारत के पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैं गेंदबाजों के प्रति कठोर रुख नहीं अपनाऊंगा क्योंकि वे मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने में सक्षम रहे हैं, हर बार, जब हम लक्ष्य का बचाव कर रहे थे। निश्चित रूप से हम बहुत अच्छा कर रहे हैं लेकिन उम्मीद है कि हम बेहतर होंगे।’’
बल्लेबाजी कोच इस बात से भी सहमत नहीं थे कि भारत पहले बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने पर पर्याप्त बड़े लक्ष्य नहीं दे पा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज संभावित लक्ष्य तय करते हैं, कोच ने जवाब दिया, ‘‘निश्चित रूप से, यह उस सतह पर निर्भर करता है जिस पर हम खेल रहे हैं लेकिन जब आप कहते हैं कि हम अच्छा स्कोर नहीं बना पाए हैं तो मैं उससे सहमत नहीं हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पहले बल्लेबाजी करना पिछले टी20 विश्व कप के दौरान चिंताओं में से एक था लेकिन तब से जब भी हमने पहले बल्लेबाजी की तो प्रतिस्पर्धी स्कोर या इससे बेहतर स्कोर बनाया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा है।’’
बल्लेबाजी कोच ने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को कोचिंग देने की कोशिश नहीं करता बल्कि उन्हें अपने मजबूत पक्षों के अनुसार खेलने के लिए प्रोत्साहित करता है।
अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी को हमेशा अपनी योजनाओं के अनुसार चलने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस स्तर पर हम उन्हें कुछ नहीं कर रहे हैं। अर्श (अर्शदीप सिंह) ने आईपीएल में डेथ ओवरों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए हम केवल उनका समर्थन करते हैं कि वह योजनाओं का पालन करें। वे जानते हैं कि प्रत्येक बल्लेबाज को कहां गेंदबाजी करनी है और अपनी योजनाओं का पालन करना है।’’
लोकेश राहुल, रोहित शर्मा और विराट कोहली की मौजूदगी वाले भारतीय शीर्षक्रम को टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपने पुराने दृष्टिकोण के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा लेकिन राठौड़ पिछले आईसीसी टूर्नामेंट के बाद से मानसिकता में बदलाव से खुश हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से हम बल्लेबाजी कर रहे हैं उससे दिखता है कि स्पष्ट बदलाव है। दृष्टिकोण बदल गया है, हम और अधिक आक्रामक होने की कोशिश कर रहे हैं। हम बेहतर स्ट्राइक रेट और अधिक जज्बे के साथ खेल रहे हैं, यह काफी स्पष्ट है। बल्लेबाजी इकाई के रूप में हमने अच्छा किया है।’’
टी20 विश्व कप में खेलने वाले खिलाड़ियों को अधिक मुकाबले खेलने का समय देना प्राथमिकता है जबकि अन्य चुनौती ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाना है।
राठोड़ ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। हम विश्व कप में खेलने वालों को अधिक से अधिक अवसर देना चाहते हैं लेकिन यह कैसे होगा यह मैच की स्थिति पर निर्भर करता है।’’
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