मुंबई, 30 नवंबर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह मंगलवार को लगातार दूसरे दिन महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के सामने पेश हुए और अपने खिलाफ चल रहे जबरन वसूली के दो मामलों के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया। दोनों मामलों की जांच सीआईडी कर रही है।
वर्तमान में होम गार्ड्स के महानिदेशक (डीजी) सिंह, एक निजी एसयूवी में दोपहर 3.10 बजे पड़ोस के नवी मुंबई के बेलापुर में कोंकण भवन में सीआईडी के कार्यालय पहुंचे।
इससे पहले सुबह में, सिंह अपने खिलाफ एक मामले के सिलसिले में यहां की एक अदालत में गए और वहां से वह दक्षिण मुंबई में डीजी होमगार्ड कार्यालय गए थे।
सीआईडी सिंह के खिलाफ दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव थाने और ठाणे शहर से सटे कोपरी पुलिस थाने में दर्ज रंगदारी के मामलों की जांच कर रही है। एजेंसी ने इससे पहले मरीन ड्राइव मामले में पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाल और आशा कोरके को गिरफ्तार किया था।
जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा फरार घोषित सिंह छह महीने बाद पिछले बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है।
एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में, सिंह शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश हुए थे।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं।
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