नयी दिल्ली, 30 जनवरी इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार शाम हुए कम तीव्रता के धमाके में सुरक्षा बलों को अब तक “कुछ ठोस” नहीं मिला है क्योंकि घटना के वक्त विस्फोट स्थल के पास लगे अधिकतर सीसीटीवी कैमरे “काम नहीं कर रहे” थे। आधिकारिक पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) के जांच दल ने दिन में दूतावास के निकट स्थित विस्फोट स्थल का और साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से दौरा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इलाके के कुछ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल हो गई है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “हमें कुछ सीसीटीवी फुटेज बरामद हुई है लेकिन अब तक कुछ ठोस नहीं मिला है क्योंकि दूतावास के पास स्थित इलाके में अधिकतर सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।”
सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे से हासिल की गई फुटेज में विस्फोट से ठीक पहले एक गाड़ी संदिग्ध अवस्था में दूतावास के पास नजर आ रही है।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने मौका-ए-वारदात से कुछ नमूने भी एकत्र किये हैं और इससे कम तीव्रता वाले इस विस्फोट में इस्तेमाल रसायनों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाले बाल बेयरिंग के हिस्से जमीन पर बिखरे पड़े मिले और विस्फोट का असर स्थल के 20 से 25 मीटर के दायरे में महसूस किया गया।
दिल्ली के लुटियंस इलाके में औरंगजेब रोड पर स्थित इजराइली दूतावास के निकट शुक्रवार शाम कम तीव्रता का आईईडी विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था।
सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि विस्फोट स्थल पर जांचकर्ताओं को इजराइली दूतावास का पता लिखा एक लिफाफा मिला है। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ इसकी जांच कर रहा है।
सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आईईडी को इजराइली दूतावास के बाहर एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर जिंदल हाउस के निकट एक गमले में रखा गया था।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की 10 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को विस्फोट स्थल का दौरा किया था और धातुओं एवं बॉल बेयरिंग समेत वहां मौजूद अन्य अवशेष एकत्र किए थे।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव भी शुक्रवार शाम को मौके का मुआयना करने पहुंचे थे।
एक सूत्र ने कहा कि मौके से जब्त की गई सभी सामग्री दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी को सौंपी गई है।
एफएसएल के सूत्रों ने कहा, ‘‘हमें घटनास्थल से एकत्रित किए गए नमूने अभी नहीं मिले हैं। जब जांच अधिकारी नमूने भेज देंगे, तो हम उन्हें अपने विस्फोटक पदार्थ संबंधी विशेषज्ञ दल को भेजेंगे। केवल रासायनिक जांच के जरिए ही नमूनों की संरचना पता चल पाएगी।’’
यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब वहां से कुछ किलोमीटर दूर गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन के तौर पर होने वाला 'बीटिंग रीट्रिट' कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।
यह विस्फोट जिस दिन हुआ, उस दिन भारत और इजराइल के कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 29वीं वर्षगांठ थी।
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