विदेश की खबरें | अफ्रीका के विशेषज्ञों ने मंकीपॉक्स से निपटने में टीकों की कमी का उल्लेख किया

ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, इजराइल और ऑस्ट्रेलिया में मंकीपॉक्स के 500 से ज्यादा मामले आए हैं। इनमें से कई मामलों के यूरोप में आयोजित दो बड़ी पार्टी के दौरान यौन गतिविधियों की वजह से फैलने की आशंका प्रकट की गई है। अब तक संक्रमण से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।

यूरोप के कुछ देश और अमेरिका एंटीवायरल का इस्तेमाल कर अपने नागरिकों की प्रतिरक्षा मजबूत करने की कोशिश में हैं। विश्च स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स पर अध्ययन और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक विशेष बैठक बुलाई है।

अफ्रीकी महाद्वीप ने इस साल लगभग तीन गुना अधिक मामले दर्ज किए हैं। अफ्रीका रोक नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक अफ्रीका के चार देशों- कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कांगो, नाइजीरिया में मंकीपॉक्स के 1400 से अधिक मामले आए हैं और 63 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने कहा कि अनुक्रमण से अफ्रीका के बाहर फैल रही इस बीमारी से इसका कोई जुड़ाव सामने नहीं आया है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स वायरस वंश जैसा ही है। मंकीपॉक्स के संक्रमण की रोकथाम में स्मॉलपॉक्स के टीके 85 प्रतिशत तक कारगर हैं।

ब्रिटेन में इस संक्रमण को रोकने के लिए अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों को टीके दिए जा चुके हैं तथा 20,000 खुराकें मंगवाई गई हैं। यूरोपीय संघ के अधिकारी भी टीके खरीदने के लिए वार्ता कर रहे हैं। अमेरिका के उन राज्यों के लिए 700 खुराकें भेजी गई हैं जहां मंकीपॉक्स के मामले आए हैं।

नाइजीरिया में मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए कार्यकारी समूह की प्रमुख डॉ. अदेसोला यिंका ओगुनलेन्ये ने कहा कि उनके देश में अभी किसी टीके या औषधि का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। जिन लोगों के इस संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका रहती है उन्हें पृथक-वास में रखा जाता है और बीमारी के हिसाब से उपचार किया जाता है। संपर्क में आए लोगों पर भी निगरानी रखी जाती है।

अफ्रीका सीडीसी के कार्यकारी निदेशक अहमद ओगवेल ने कहा कि अफ्रीका के पास स्मॉलपॉक्स टीके की सीमित खुराकें हैं। ‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन’ में अंतरराष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. जिमी व्हिटवर्थ ने कहा कि टीके की सीमित आपूर्ति के कारण अफ्रीका में मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रतिरक्षा तैयार नहीं हो पाई है।

नाइजीरिया के विषाणु विज्ञानी ओयेवाला तोमोरी ने कहा कि अफ्रीका में मंकीपॉक्स से निपटने के लिए टीका देने की नीति बहुत पहले लागू करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह उदाहरण है कि टीकों को लेकर कितनी असमानता है।

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