मुंबई, एक सितंबर मालेगांव में सितंबर 2008 में हुए विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल की जांच करने वाले रासायनिक विश्लेषण विशेषज्ञ ने यहां एक विशेष एनआईए अदालत को बताया कि उनकी जांच के अनुसार विस्फोटक सामग्री को दो पहिया वाहन की सीट के नीचे रखा गया था।
वह मोटर साइकिल कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की थी।
विशेषज्ञ ने पिछले महीने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के न्यायाधीश ए. के. लाहोटी के समक्ष एक गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराया जिसका विवरण हाल ही में उपलब्ध कराया गया है।
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर विस्फोट मामले में आरोपी हैं। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 90 घायल हो गए थे।
बचाव पक्ष के एक वकील के सवाल का जवाब देते हुए विशेषज्ञ ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि उन्होंने पूर्वाग्रह से और पुलिस के कहने पर विश्लेषण किया। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि विश्लेषण ठीक से नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा, "यह मेरा अवलोकन है कि विस्फोटक सामग्री बाइक की सीट के नीचे रखी गई थी।"
विशेष लोक अभियोजक द्वारा जिरह के दौरान, विशेषज्ञ ने कहा कि घटना के बाद जब वह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने दोपहिया वाहन को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त स्थिति में देखा।
इस मामले में अब तक 260 से अधिक गवाहों से पूछताछ की गई है और उनमें से 25 लोग मुकर गए हैं। इस मामले के आरोपियों में प्रज्ञा ठाकुर के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं। वे सभी जमानत पर हैं।
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