नयी दिल्ली, 28 दिसम्बर पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी देने की सिफारिश की है, लेकिन निर्देश दिया है कि इसके 'डेवलेपरों' को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मौजूदा संरचनाओं को ढहाये जाने के दौरान कोई वायु प्रदूषण न हो।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के साथ ही यह परियोजना केंद्रीय पर्यावरण मंत्री द्वारा दी जाने वाली पर्यावरण मंजूरी (ईसी) पाने के और करीब आ गई है।
विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने यह निर्णय 17 दिसंबर को हुई एक बैठक में लिया, जिसका विवरण सोमवार को मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, एसपीजी बिल्डिंग और उपराष्ट्रपति के एनक्लेव के साथ-साथ साझा केंद्रीय सचिवालय इमारत और सेंट्रल कॉन्फ्रेंस सेंटर का विकास या पुनर्विकास शामिल है। इसने अनुमानित परियोजना लागत को 11,794 करोड़ रुपये से संशोधित करके 13,450 करोड़ रुपये कर दिया है।
ईएसी बैठक के विवरण के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का प्रभाव शामिल होगा, जिसका मतलब है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत एक नया पीएमओ भी आएगा।
अपने पहले के प्रस्ताव में, सीपीडब्ल्यूडी ने एक नए पीएमओ के निर्माण का उल्लेख नहीं किया था। इसने हाल ही में विशेषज्ञ समिति को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि प्रस्तावित पीएमओ का प्रभाव ईआईए रिपोर्ट में शामिल होगा।
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