नयी दिल्ली, 15 मई देश में कृषि उत्पादन लगातार चौथे वर्ष नये रिकार्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। मानसून की अच्छी वर्षा से फसल वर्ष 2019-20 में 29 करोड़ 56 लाख 70 हजार टन रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
खाद्यान्न उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, इस साल खाद्यान्न की अनुमानित पैदावार, पिछले साल के मुकाबले 3.67 प्रतिशत अधिक होगा। वर्ष के दौरान खाद्याान्न उत्पादन वर्ष 2019-20 के बुवाई मौसम से पहले लगाये गये उत्पादन अनुमान 29 करोड़ 11 लाख टन को भी लांद्य जायेगा ऐसा अनुमान है।
कुल खाद्यान्न उत्पादन में खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली फसलें शामिल हैं। कोविड-19 वायरस के जारी संकट के बीच रबी फसलों की कटाई का काम अपने अंतिम चरण में है।
फसलवर्ष 2016-17 (जुलाई-जून) के बाद से खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि का यह लगातार चौथा वर्ष है। पिछला रिकॉर्ड फसल वर्ष 2018-19 के दौरान 28 करोड़ 52 लाख टन का था।
देश में मानसून सत्र (जून से सितंबर 2019) के दौरान कुल वर्षा दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक रही है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि कृषि वर्ष 2019-20 में अधिकांश फसलों का उत्पादन, उनके सामान्य उत्पादन से कहीं अधिक होने का अनुमान है।
सभी फसलों में मुख्य रबी फसल - गेहूं का उत्पादन वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ 72 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 36 लाख टन था। गेहूं की फसल की कटाई पूरी होने के अंतिम चरण में है।
इसी तरह, मुख्य खरीफ फसल, चावल का उत्पादन इस साल 11 करोड़ 79 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल 11 करोड़ 65 लाख टन के उत्पादन से अधिक है।
मोटे अनाजों का रिकॉर्ड उत्पादन यानी चार करोड़ 75 लाख टन होने का अनुमान है, जो उत्पादन पिछले साल चार करोड़ 30 लाख टन का हुआ था।
फसल वर्ष 2018-19 में दो करोड़ 77 लाख टन के मक्का उत्पादन के मुकाबले इस वर्ष इस फसल का उत्पादन बढ़कर दो करोड़ 90 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन जौ का उत्पादन उक्त अवधि में पहले के 16.3 लाख टन के मुकाबले घटकर 15.9 लाख टन रह जाने का अनुमान है।
दलहन के मामले में, कुल उत्पादन पिछले साल के दो करोड़ 21 लाख टन से बढ़कर इस वर्ष दो करोड़ 30 लाख टन होने का अनुमान है। जिनमें से अरहर उत्पादन 37.5 लाख टन और चना एक करोड़ नौ लाख टन होने का अनुमान है।
तिलहन में फसलवर्ष 2019-20 में कुल उत्पादन बढ़कर 3.35 करोड़ टन होने का अनुमान है जो पहले तीन करोड़ 15 लाख टन हुआ था।
नकदी फसलों में कपास का उत्पादन चालू वर्ष में तीन करोड़ 60 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान है जो पिछले साल दो करोड़ 80 लाख गांठों का हुआ था। पिछला रिकॉर्ड 2013-14 के फसल वर्ष में 3.59 करोड़ गांठ का था।
इस बीच, मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन घटने के कारण गन्ने का उत्पादन इस वर्ष घटकर 35 करोड़ 81 लाख टन रह जाने का अनुमान है जो उत्पादन पिछले साल 40 करोड़ 54 लाख टन हुआ था।
इस वर्ष जूट का उत्पादन 94 लाख गांठ (एक गांठ-180 किग्रा) पर लगभग अपरिवर्तित रहने का अनुमान है जो उत्पादन पिछले साल 94.3 लाख गांठ का हुआ था, जबकि मेस्टा का उत्पादन उक्त अवधि में पहले के 32.3 लाख टन से बढ़कर 48.9 लाख गांठ होने का अनुमान है।
हालांकि, तीसरे अनुमान को रबी फसलों की कटाई के बाद संशोधित किया जा सकता है, लेकिन अंतिम उत्पादन के आंकड़े अभी के अनुमान से कम नहीं हो सकते हैं।
कृषि मंत्रालय खाद्यान्न उत्पादन के चार अग्रिम अनुमान जारी करता है और उसके बाद अंतिम अनुमान लगाता है। वास्तव में, चौथे अग्रिम अनुमानों को अंतिम अनुमानों के समान ही माना जाता है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)