नयी दिल्ली, चार दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत सोमवार को 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सिंह के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र की एक प्रति उनके वकील को सौंपने का निर्देश दिया और कहा कि उनकी ज़मानत याचिका पर बहस छह दिसंबर को होगी।
सोमवार को सुनवाई के दौरान, ईडी ने एक आवेदन दायर कर कहा कि पूरक आरोपपत्र में कुछ संरक्षित गवाहों के नामों का "गलती से" उल्लेख हो गया है और अदालत से दस्तावेज को सीलबंद लिफाफे में रखने का आग्रह किया।
अदालत ने ईडी को उस हिस्से को हटाने की अनुमति दे दी जिसमें संरक्षित गवाहों के नामों का उल्लेख है।
ईडी ने गत शनिवार को मामले में सिंह और उनके कथित सहयोगी सर्वेश मिश्रा के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत (पूरक आरोपपत्र के समान) दायर की थी।
सुनवाई के दौरान, सिंह ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर आरोपपत्र का विवरण मीडिया को "लीक" करने का आरोप लगाया।
उन्होंने न्यायाधीश को एक समाचारपत्र की एक प्रति सौंपते हुए कहा, "यहां वे कह रहे हैं कि इसे सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए, जबकि हर समाचार संगठन ने आरोपपत्र का विवरण रिपोर्ट किया है।"
न्यायाधीश ने अखबार में छपा लेख देखा और कहा कि इसमें उल्लिखित विवरण पुराना है।
न्यायाधीश ने कहा, “इस रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है। सब कुछ रिमांड दस्तावेज से है जो एजेंसी द्वारा पहले दायर किया गया था।”
धनशोधन रोधी एजेंसी ने सिंह को चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि सिंह ने अब समाप्त की जा चुकी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को अनुचित लाभ पहुंचा।
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