ईसीबी की नीतिगत दर तय करने वाली समिति की यहां हुई बैठक में मानक ब्याज दर को 3.25 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत करने का फैसला किया गया।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत के निर्धारित लक्ष्य पर वापस लाने के प्रयास सफल हो रहे हैं।
ईसीबी ने बयान में कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में गिरावट की प्रक्रिया पटरी पर है।’’
विश्लेषकों ने कहा कि ब्याज दर में कटौती से वृद्धि को बढ़ावा मिलना चाहिए। दरअसल, यूरो मुद्रा का उपयोग करने वाले 20 देशों के समूह में महामारी के बाद आई तेजी सुस्त पड़ रही है।
ऐसी आशंका भी है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद अमेरिका में आयातित वस्तुओं पर नए आयात कर लगा सकते हैं। इससे यूरोप के व्यापार पर असर पड़ सकता है।
इसके अलावा यूरोपीय संघ के भीतर आंतरिक जोखिम भी बने हुए हैं। फ्रांस के प्रधानमंत्री मिशेल बर्नियर ने विश्वास मत खोने के बाद पांच दिसंबर को इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा जर्मनी का सत्तारूढ़ गठबंधन भी पिछले महीने टूट गया था।
यूरोपीय संघ में खुदरा मुद्रास्फीति रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से 2022 के अंत में 10.6 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई थी। इस पर काबू पाने के लिए ईसीबी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का तरीका अपनाया था।
ईसीबी यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से उन 20 देशों के लिए ब्याज दर नीति निर्धारित करता है जो यूरो मुद्रा का इस्तेमाल करते हैं।
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