योग्याकार्ता के ज्वालामुखी एवं भूवैज्ञानिक केन्द्र के प्रमुख हानिक हुमैदा ने बताया कि माउंट मेरापी से रविवार सुबह से अब तक कम से कम सात बार गर्म राख का गुबार उठा है। इसके अलावा चट्टानों, मलबे, लावा और गैसों के मिश्रण वाला पाइरोक्लास्टिक पदार्थ भी ज्वालामुखी से फूटकर बहने लगा।
ज्वालामुखी फटने से उत्पन्न भीषण गड़गड़ाहट की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। हुमैदा के मुताबिक माउंट मेरापी पर्वत पर हाल के कुछ सप्ताहों के दौरान ज्वालामुखी की सक्रियता में इजाफा हुआ है।
रविवार को आंशिक रूप से फटने से पहले इसके लावा का गुंबद तेजी से बढ़ रहा था, जिसके परिणामस्वरूप ज्वालामुखी के दक्षिण-पश्चिम भाग में चट्टानों के टुकड़े निकल रहे हैं और राख का गुबार भी उठ रहा है।
माउंट मेरापी के ढलानों में रहनेवाले लोगों को पांच किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी गई है। गौरतलब है कि मेरापी में 2010 में हुए ज्वालामुखी विस्फोट में 347 लोगों की मौत हो गई थी।
ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण राख का गुबार आकाश में एक हजार मीटर की ऊंचाई तक गया और आसपास का तीन किलोमीटर का इलाका धुएं से भर गया।
माउंट मेरापी इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)