कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में पूरी कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरी कांग्रेस नये कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में किसानों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने रुख से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. अमरिंदर ने कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और निरंकुश बताया और कहा कि इससे कांग्रेस किसानों के अधिकारों की लड़ाई नहीं रोक सकती.

राहुल गांधी (Photo Credits: Twitter/Rahul Gandhi)

पिहोवा/कुरूक्षेत्र, 7 अक्टूबर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को कहा कि पूरी कांग्रेस नये कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में किसानों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने रुख से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. गांधी ने अपनी खेती बचाओ यात्रा के समापन पर शाम को यहां कहा कि केन्द्र में कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाली सरकार बनाने के बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जायेगा और इन्हें कचरे के डिब्बे में फेंक दिया जायेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों को अपने हमले के केंद्र में रखा.

उन्होंने कहा, "हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं. हम आपके साथ हैं और हम एक इंच पीछे नहीं हटेंगे. केवल हरियाणा या पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पूरी कांग्रेस आपके पीछे खड़ी है. जब हमारी सरकार बनेगी तो हम इन कानूनों को रद्द कर देंगे और इन्हें कूड़े के डिब्बे में फेंक देंगे." गांधी ने रविवार को पंजाब के मोगा जिले से खेती बचाओ यात्रा शुरू की थी. पंजाब (Punjab) के पटियाला जिले से अपनी 'ट्रैक्टर रैली' के बाद गांधी यहां पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि किसान समझते हैं कि मोदी कुछ 'चुनिंदा' व्यापारिक घरानों के लिए "रास्ता साफ कर रहे हैं क्योंकि किसान, श्रमिक "मोदी की वो मार्केटिंग नहीं कर सकते, जो ये कॉरपोरेट कर सकते हैं."

यह भी पढ़ें: Farmers Bills 2020: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा- विपक्ष कृषि कानूनों का विरोध बिचौलियों या दलालों की भूमिका निभा रहा है

उन्होंने दावा कि इसलिए किसानों की जमीन उन्हें सौंपने के लिए छीनी जा रही है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री देश के किसान को नहीं जानते है. मोदी जी, अगर आपको लगता है कि किसान खड़े नहीं हो सकते और अपनी आवाज नहीं उठा सकते, तो आप गलत हैं. भारतीय किसान किसी से नहीं डरता. वह जानता है कि कैसे लड़ना है, वह एक इंच पीछे नहीं हटेगा." गांधी ने कहा, "लेकिन हमारी सरकार बनने से पहले, हम संघर्ष जारी रखेंगे और किसानों की आवाज उठाएंगे और साथ में हम इन कानूनों का विरोध करेंगे." इससे पूर्व पंजाब के साथ लगती हरियाणा की सीमा पर विभिन्न नाटकीय घटनाक्रमों के बीच राज्य के अधिकारियों ने गांधी और पार्टी के कुछ नेताओं को कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी रैली के लिए भाजपा शासित राज्य में आने की अनुमति दे दी.

पंजाब के पटियाला जिले से गांधी के साथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी थे लेकिन उनके काफिले को पेहोवा सीमा एक घंटे तक रोक लिया गया था. गांधी जब हरियाणा में प्रवेश के लिए अनुमति का इंतजार कर रहे थे तो उन्होंने ट्वीट किया, "उन्होंने हमें हरियाणा सीमा पर एक पुल पर रोक दिया है. मैं आगे नहीं बढ़ रहा हूं और यहां इंतजार करके खुश हूं. एक घंटे, पांच घंटे, 24 घंटे, 100 घंटे, 1000 घंटे या 5000 घंटे." पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गांधी को हरियाणा में प्रवेश से रोके जाने के प्रयास के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार की निंदा की.

अमरिंदर ने कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और निरंकुश बताया और कहा कि इससे कांग्रेस किसानों के अधिकारों की लड़ाई नहीं रोक सकती. मुख्यमंत्री ने अपने हरियाणा के समकक्ष से कहा कि कृषि कानून पंजाब के किसानों को ही नहीं बल्कि हरियाणा के किसानों को भी तबाह कर देंगे. गांधी के साथ राज्य कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा, वरिष्ठ नेताओं भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी, अजय सिंह यादव, पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल मौजूद थे.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\