नयी दिल्ली, एक सितंबर आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ बिजली खपत अगस्त में कोविड-19 के पहले के स्तर पर लगभग पहुंच गयी है। पिछले महीने कुल बिजली खपत 110.57 अरब यूनिट रही जो पिछले साल के इसी माह के मुकाबले महज 0.85 प्रतिशत कम है। ऐसी उम्मीद है कि इस महीने यह सामान्य स्तर से ऊपर पहुंच जाएगी।
बिजली मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार पिछले साल अगस्त महीने में बिजली खपत 111.52 अरब यूनिट थी।
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आंकड़े के अनुसार सरकार के आर्थिक गतिविधियों में छूट और उमस भरी गर्मी के साथ बिजली खपत विशेष रूप से अगस्त महीने में बढ़ी।
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से ‘लॉकडाउन’ लगाया था। इससे वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई। फलत: बिजली मांग के साथ खपत कम हुई।
जुलाई महीने में बिजली खपत में कमी का अंतर कम होकर 3.6 प्रतिशत पर आ गया था। इस दौरान बिजली खपत 112.24 अरब यूनिट रही जबकि एक साल पहले 2019 के इसी माह में खपत 116.48 अरब यूनिट थी।
आंकड़े के अनुसार जून में बिजली खपत 10.93 प्रतिशत घटकर 105.08 अरब यूनिट थी जबकि एक साल पहले 2019 के इसी महीने में खपत 117.98 अरब यूनिट थी।
मई और अप्रैल में बिजली खपत में क्रमश: 14.86 प्रतिशत और 23.21 प्रतिशत की कमी आयी थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ‘लॉकडाउन’ में ढील देकर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसका लाभ हो रहा है और बिजली खपत पिछले साल के सितंबर महीने के मुकाबले इस माह सामान्य स्तर से ऊपर जा सकती है।
इस बीच, बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये आपूर्ति अगस्त महीने में 1,67,490 मेगावाट रही जो पिछले साल इसी महीने में 1,77,520 मेगावाट के मुकाबले 5.65 प्रतिशत कम है।
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