नयी दिल्ली/जयपुर, 12 अगस्त देश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और सड़कें अवरुद्ध हो गईं हैं। वहीं राजस्थान में बारिश से जुड़ी घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गयी है।
भारी बारिश के कारण राजस्थान के करौली और हिंडौन में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां पिछले दो दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गई जबकि बांधों और नदियों के उफान पर होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
आपदा राहत बलों ने करौली और हिंडौन में करीब 100 लोगों को बचाया है।
भारी बारिश की आशंका के चलते जयपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, दौसा और करौली जिलों में स्कूल बंद रहे।
आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव भगवत सिंह ने बताया, "करौली और हिंडौन नगरों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने लगभग 100 लोगों को निकाला है।"
जयपुर के कानोता बांध में रविवार शाम को बहे पांच लोगों के शव निकाल लिए गए जबकि गलता कुंड में नहाते समय दो और लोग डूब गए।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मोरोली बांध में बह जाने से दौसा में 30 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई।
बेंगलुरू में कई इलाकों में (खासकर उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में) व्यस्त समय में यातायात जाम और सड़कें जलमग्न होने से दफ्तर जाने वालों और स्कूली बच्चों को असुविधा हुई।
अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में कुछ घर और रिहायशी इलाके जलभराव से प्रभावित हुए और पानी परिसर में घुस गया। कई अंडरपास भी जलमग्न हो गए।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्थिति का आकलन करने के लिए बारिश से प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया।
वह बेंगलुरू विकास के प्रभारी भी हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि सुबह 11.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला (शहर का प्राथमिक मौसम केंद्र) में 12.9 मिमी बारिश दर्ज हुई। लोदी रोड वेधशाला में 13.6 मिलीमीटर, पालम में 10.5 मिमी और नजफगढ़ में 30 मिमी बारिश दर्ज हुई।
लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जलभराव के संबंध में 10 शिकायतें प्राप्त हुईं, लेकिन अधिकांश का समाधान कर दिया गया है।
मुंडका में जलभराव के कारण रोहतक के दोनों मार्गों पर टिकरी बॉर्डर से पीरागढ़ी तक यातायात प्रभावित हुआ।
जलभराव के कारण एमबी रोड पर भी यातायात प्रभावित हुआ।
हिमाचल प्रदेश में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि शिमला में 66 सड़कें, सिरमौर में 58, मंडी में 33, कुल्लू में 26, किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति में पांच-पांच तथा कांगड़ा जिले में चार सड़कें बंद हैं।
इसमें कहा गया है कि सोमवार को 221 बिजली और 143 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुईं।
अधिकारियों ने बताया कि 27 जून से 12 अगस्त के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 110 लोग मारे गए हैं और राज्य को लगभग 1,004 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में 31 जुलाई को आई बाढ़ के बाद लापता हुए करीब 30 लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। अब तक 28 शव बरामद किए जा चुके हैं।
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