जयपुर, 23 अक्तूबर राजस्थान के राज्यपाल के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण में पत्रकारिता व जनसंचार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार के ऐसे पाठयक्रम विकसित किए जाने चाहिए जिनसे विद्यार्थियों को जीवन मूल्यों की शिक्षा मिल सके।
मिश्र राजभवन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से ऑनलाइन संवाद कर रहे थे। उन्होंने पत्रकारिता के साथ ही तमाम दूसरे विषयों के भी सांगोपांग अध्ययन पत्रकारिता शिक्षण में करवाने पर जोर दिया।
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उन्होंने कहा कि पत्रकार को अपने विषय के साथ दूसरे विषयों की भी संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए, इसी अनुरूप पत्रकारिता शिक्षण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में कौशल विकास पर विशेष जोर दिया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ‘स्किल यूनिवर्सिटी’ को ढंग से क्रियान्वित किये जाने की जरूरत है। इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान करने के साथ ही इससे शासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता करने की कार्यवाही भी आवश्यकतानुसार की जाएगी।
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राज्यपाल मिश्र ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के सुदृढ़ीकरण पर खास ध्यान दिया गया है इसके अनुरूप प्रदेश के विश्वविद्यालय अपने यहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, तकनीकी दक्षता, संस्कृत, विधि और पुलिसिंग के ऐसे नवीन पाठयक्रम विकसित करें जिनका व्यवहार में विद्यार्थियों को लाभ हो।
इस ऑनलाइन बैठक में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, राजस्थान आई.एल.डी. स्किल विश्वविद्यालय जयपुर, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपतियों ने भाग लिया।
राज्यपाल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना को समझते हुए उसे अपने यहां लागू करने का प्रारूप जल्द से जल्द प्रस्तुत करे ताकि समेकित रूप में नयी शिक्षा नीति को व्यवहार में राजस्थान में लागू किया जा सके।
राज्यपाल ने पिछले तीन दिनों में राज्य के सभी 26 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर उनके सुझाव सुने हैं।
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