जरुरी जानकारी | खाद्य तेल का आयात मार्च में आठ प्रतिशत बढ़कर 11.35 लाख टन पर

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल खाद्य तेल का आयात इस साल मार्च में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत बढ़कर 11.35 लाख टन रहा।

उद्योग संगठन एसईए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी और मांग की कि घरेलू रिफाइनरियों के हित के लिए कच्चे पाम तेल तथा रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर बढ़ाया जाना चाहिए।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि खाद्य तेल का आयात मार्च, 2023 में बढ़कर 11,35,600 टन हो गया, जो पिछले साल मार्च में 10,51,698 टन था।

गैर-खाद्य तेल का आयात मार्च, 2023 में गिरकर 36,693 टन रह गया, जो पिछले साल मार्च में 52,872 टन था।

खाद्य एवं गैर-खाद्य, दोनों तेलों का संयुक्त आयात मार्च, 2022 में 11,04,570 टन से बढ़कर मार्च, 2023 में 11,72,293 टन हो गया।

नवंबर, 2022 से मार्च, 2023 तक खाद्य तेल का आयात बढ़कर 69,80,365 टन हो गया, जो पिछली बार समान अवधि में 56,42,918 टन था।

तेल विपणन बाजार नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।

गैर खाद्य तेल का आयात 2022-23 के पहले पांच महीनों में घटकर 79,828 टन रह गया, जो 2022-22 की समान अवधि में 1,52,810 टन था।

तेल वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों के दौरान वनस्पति तेलों का समग्र आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 57,95,728 टन की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़कर 70,60,193 टन हो गया।

एसईए ने कहा, “चालू तेल वर्ष के पहले पांच महीनों में आरबीडी (रिफाइंड) पामोलिन का आयात बढ़कर 9.89 लाख टन रहा, जो कुल पाम तेल आयात का लगभग 22 प्रतिशत है। इससे घरेलू उद्योग अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहा है।”

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