चेन्नई, आठ जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि उनकी अर्जी को देखकर पता चलता है कि उन्हें राहत देने के बारे में सोचने की कोई जरूरत नहीं है।
इसने कहा कि याचिकाकर्ता बहुत प्रभावशाली और शक्तिशाली हैं तथा जमानत मिलने पर वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं या गवाहों को धमका सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने चेन्नई की एक अदालत में कहा कि इसके बजाय अदालत को अभियोजन पक्ष के गवाहों की सूची को तलब करके मुकदमा शुरू करने और आरोप साबित करने पर विचार करना चाहिए जिसके लिए पर्याप्त सबूत हैं।
ईडी के उपनिदेशक और इस मामले के जांच अधिकारी कार्तिक दासारी ने सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका के जवाब में दाखिल अपने हलफनामे में यह बात कही।
बालाजी को धनशोधन के एक मामले में जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
प्रधान सत्र न्यायाधीश एस अली ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए नौ जनवरी की तारीख तय की। उनके समक्ष जवाबी हलफनामा दायर किया गया था।
ईडी ने कहा कि बालाजी तमिलनाडु की सरकार में बिना प्रभार के मंत्री बने हुए हैं और इस जमानत याचिका को दायर करने की तारीख तक मंत्री के विशेषाधिकारों का लाभ उठा रहे हैं।
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