जरुरी जानकारी | विदेशी बाजारों में सुधार से मूंगफली छोड़ बाकी सभी तेल-तिलहन हुए मजबूत

नयी दिल्ली, 31 मई विदेशी बाजार तेज रहने के बीच देश की मंडियों में शुक्रवार को मूंगफली छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहनों के थोक भाव मजबूत रहे जबकि ऊंचे भाव पर कामकाज सुस्त रहने से मूंगफली तेल तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे।

शिकॉगो एक्सचेंज रात तेज बंद हुआ था और फिलहाल यहां डेढ़ प्रतिशत से अधिक की तेजी है। मलेशिया एक्सचेंज शाम को दो प्रतिशत से ज्यादा मजबूत बंद हुआ। यहां देर शाम का बाजार बंद है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक बृहस्पतिवार के लगभग सवा सात लाख बोरी से घटकर आज करीब सात लाख बोरी ही रह गई। आगामी बरसात के दिनों में अचार बनाने वाली कंपनियों की सरसों तेल की मांग बढ़ने के पूरे आसार हैं। इस वजह से सरसों तेल तिलहन में सुधार रहा।

उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद सरकार को देशी तेल तिलहनों का बाजार बनाने के लिए पूरी तैयारी से जुटना होगा और नीतियां बनानी होंगी। बाकी सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है लेकिन तेल तिलहन के मामले में ऐसा नहीं है। एक बार किसान बिदके तो उसे संभालना मुश्किल हो सकता है। इस बात का अंदाजा सूरजमुखी की खेती से लगाया जा सकता है जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) अधिक किये जाने के बावजूद किसान इसकी खेती करने को तवज्जो नहीं देते हैं।

सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज के मजबूत रहने से सोयाबीन तेल तिलहन के दाम में सुधार रहा। जबकि मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत रहने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम में सुधार दर्ज हुआ। बिनौले की माल की कमी है और आम सुधार के बीच बिनौला भी सुधार के साथ बंद हुआ। दूसरी ओर महंगे दाम पर कामकाज कमजोर रहने के बीच मूंगफली तेल तिलहन के दाम अपरिवर्तित बंद हुए।

उन्होंने कहा कि पंजाब से सूचना मिल रही है कि वहां किसान कपास बोने की जगह मूंग और बासमती चावल की खेती अपनाने के बारे में सोच रहे हैं। यह कपास के साथ साथ बिनौला खल के लिए कोई बेहतर सूचना नहीं है।

सूत्रों ने कहा कि कपास की बिजाई के समय वायदा कारोबार में दाम तोड़कर रखने वाले तत्व कौन हैं, उनकी असली मंशा क्या है, इस ओर सरकार को नजर रखनी चाहिये। अगर इन तत्वों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो ये देश को तेल तिलहन मामले में कभी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने नहीं देंगे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,125-6,400 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,220-2,520 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,895-1,995 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,895-2,010 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,025 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,840-4,860 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,640-4,760 रुपये प्रति क्विंटल।

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