इंदौर, 25 अगस्त मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ हाथ मिलाने पर सवाल किया कि क्या कांग्रेस इस चुनावी गठजोड़ के जरिये जम्मू-कश्मीर को अशांति के पुराने दौर में धकेलकर इस सरहदी सूबे में पत्थरबाजों की फौज की वापसी चाहती है।
यादव ने इंदौर में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता अभियान की कार्यशाला में आरोप लगाया कि संवैधानिक मूल्यों को तिलांजलि दे चुकी कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति के आधार पर व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस कथित व्यवहार की पराकाष्ठा तब हो गई, जब इस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस और फारुक अब्दुल्ला का क्या चरित्र है, यह सब जानते हैं…क्या कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों की फौज वापस आ जाए? क्या कांग्रेस पाकिस्तान से वार्ता का राग अलापते हुए इस राज्य को अशांति के पुराने दौर में फिर से पहुंचाना चाहती है?"
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा और इसके स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 35-ए और अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही, इस सरहदी सूबे को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।
अपने चुनावी घोषणापत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जे सहित 12 गारंटी का उल्लेख किया है, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू-कश्मीर को उसकी "मूल स्थिति" में बहाल करने के प्रयास का वादा किया है।
कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, दोनों शामिल हैं।
हर्ष
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