देश की खबरें | दस्तावेज प्रदर्शित करते हैं कि सिसोदिया की दिल्ली आबकारी नीति में गहरी संलिप्तता है : ईडी

नयी दिल्ली, पांच अगस्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि एजेंसी के पास ऐसे दस्तावेज हैं जो कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनकी गहरी संलिप्तता को प्रदर्शित करते हैं।

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया कि यह कोई ‘‘मनगढ़ंत मामला’’ नहीं है क्योंकि ऐसे कई साक्ष्य हैं जो सिसोदिया के सीधे तौर पर संलिप्त रहने का संकेत देते हैं।

इन मामलों की प्रगति में देरी का उल्लेख करते हुए, आप नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में कुल 493 गवाह और 69,000 पृष्ठों के दस्तावेज हैं।

सिंघवी ने पीठ से कहा, ‘‘मुझे (सिसोदिया को) 17 महीने बाद भी जेल में क्यों रहना चाहिए, यह (व्यक्ति की) स्वतंत्रता का बड़ा सवाल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जेल में रखने का उद्देश्य क्या है?’’

उनकी दलीलों का विरोध करते हुए राजू ने कहा, ‘‘मेरे पास इस मामले में उनकी (सिसोदिया की) गहरी संलिप्तता को प्रदर्शित करने वाले दस्तावेज हैं। ऐसा नहीं है कि वह एक निर्दोष व्यक्ति हैं और उन्हें यूं ही उठा लिया गया।’’

राजू ने दलील दी कि इन मामलों में कार्यवाही में जांच एजेंसियों की ओर से कोई देरी नहीं हुई है और दोहरे मामलों में आरोपियों ने उन दस्तावेजों का अवलोकन करने में पांच महीने लगा दिए जो मुकदमे के लिए प्रासंगिक नहीं थे।

राजू ने जब आबकारी नीति के विवरण का उल्लेख किया, तो पीठ ने पूछा, ‘‘आप नीति और आपराधिकता के बीच रेखा कहां खींचते हैं?’’

सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें 9 मार्च 2023 धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

अदालत में दलीलें मंगलवार को भी पेश की जाएंगी।

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