पटना, 12 मार्च : बिहार विधानसभा में जुमे की नमाज के मद्देनजर हर शुक्रवार को भोजनावकाश से पहले कम अवधि के सदन के सत्र की परंपरा से इतर सदन की कार्यवाही थोड़ी देर तक जारी रही जिसका विपक्षी विधायकों के एक वर्ग ने कड़ा विरोध किया. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान सूचित किया कि दोपहर 12.30 बजे के बजाए सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक जारी रहेगी. कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा, ‘‘जुमे के नमाज के दिन भोजनावकाश से पहले कम अवधि के सदन के सत्र पूर्व से परम्परा रही है. मैं अनुरोध करता हूं कि हम इसका सम्मान करना जारी रखें.’’ अध्यक्ष ने कहा, ‘‘परंपराओं का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन इन्हें आवश्यकता के अनुसार संशोधित किया जा सकता है. समय कम है. जो विधायक नमाज अदा करना चाहते हैं, उन्हें पहले समय दिया गया है और कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सहमति प्राप्त कर ली गई है.’’
अध्यक्ष ने इसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के विधायक महबूब आलम से पूछा कि क्या वह उस मामले को उठाना चाहेंगे जिसके संबंध में उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया है. आलम ने हां में जवाब दिया और नमाज के मद्देनजर कार्यवाही स्थगित करने के अनुरोध के साथ अपनी बात समाप्त की. अध्यक्ष ने नाराजगी दिखाते हुए विधायक से कहा, ‘‘आपके पास यह दोनों तरीके नहीं हो सकते. आप कार्यवाही में भाग भी ले रहे हैं और आपको सदन की विस्तारित कार्य अवधि से समस्या भी है. कृपया अपनी राजनीति और विधायी कामकाज को अलग रखें.’’ आलम के साथ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) विधायक अख्तरुल ईमान ने भी इस मुद्दे को उठाया. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य सचेतक ललित यादव भी इस मांग का समर्थन करने के लिए उठे. यह भी पढ़ें : एमसीडी को दिल्ली सरकार ने पैसे तो दिए, लेकिन भाजपा के भ्रष्टाचार से वह बचे नहीं: मनीष सिसोदिया
इस बीच, अध्यक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाया. थोड़ी देर बाद भाजपा विधायक संजय सरावगी की बारी थी जिनका ध्यानाकर्षण प्रस्ताव राज्य में ‘‘गौशालाओं’’ से संबंधित था. हालांकि तब तक आलम, ईमान और कुछ अन्य विधायक आसन के करीब पहुंच गए जिस पर सरावगी ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘ये विपक्षी विधायक जानबूझकर मुझे गौशालाओं का मुद्दा उठाने से रोकने की
कोशिश कर रहे हैं. ये सांप्रदायिक मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं.’’हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. बाद में सरावगी ने आरोप लगाया, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के पूर्व शुक्रवार को थोड़ी देर तक जारी रही है.’’
उन्होंने दावा किया कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा कुछ दिनों पूर्व एक मामला उठाए जाने पर शुक्रवार को सदन की कार्यवाही को शुक्रवार के दिन दोपहर 12.30 बजे से आगे बढायी गयी थी. सरावगी ने आरोप लगाया, ‘‘हंगामा कर रहे विपक्षी विधायकों का उद्देश्य, मुझे गौशालाओं से संबंधित एक मुद्दा उठाने से रोकना था. यह उनकी सांप्रदायिक मानसिकता को दर्शाता है.’’ हालांकि, एआईएमआईएम विधायक मोहम्मद अंजार नईमी ने पीटीआई- से कहा, ‘‘हमें आशंका है कि आज का प्रकरण जुमे की नमाज के मद्देनजर कार्यवाही को जल्दी स्थगित करने की पुरानी परंपरा को छोड़ने का प्रयास हो सकता है. हाल में सदन के अंदर वंदे मातरम के पाठ जैसी बहुत सी बातें होने लगी हैं. हमें आश्चर्य हो रहा है कि चीजें किस ओर जा रही हैं.’