चंडीगढ़, 28 जुलाई कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को दावा किया कि संपत्ति पहचान पत्र (आईडी)जारी करने से जुड़ी हरियाणा सरकार की प्रमुख योजना के लिए एकत्र किए गए आंकड़ों में कथित विसंगतियों ने राज्य के 88 शहरों के एक करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि लोगों को अपनी संपत्ति आईडी में विसंगतियों को ठीक करने के लिए बिचौलियों के पास जाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा और किरण चौधरी के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘संपत्ति आईडी ना केवल एक घोटाला है, बल्कि इसने 88 शहरों में रहने वाले एक करोड़ से अधिक हरियाणवी लोगों के जीवन को पंगु बना दिया है।’’
शैलजा ने कहा, ‘‘किया गया सर्वेक्षण फर्जी है। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए... हम पूरे मामले की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग करते हैं।’’
शैलजा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने वर्ष 2019 में सर्वेक्षण करने के लिए राजस्थान स्थित कंपनी को टेंडर दिया गया और खामियां होने और सर्वेक्षण सही ढंग से नहीं होने पर भारी जुर्माना और यहां तक कि टेंडर रद्द करने जैसी शर्त रखी गई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है कि कुल सर्वेक्षण की गई संपत्तियों में से आठ लाख विसंगतियां पाई गईं, लेकिन इसके बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अब तक 42.7 लाख संपत्तियों का सर्वेक्षण किया गया है।
सुरजेवाला ने दावा किया कि सर्वेक्षण में कई विसंगतियां थीं, जैसे एक स्वीकृत कॉलोनी को गैर-स्वीकृत दिखाना और इसका उल्टा भी दिखाना।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपका भूखंड या घर किसी स्वीकृत कॉलोनी में है, तो इसे गैर-स्वीकृत कॉलोनी में दिखाया गया है। इसे ठीक करने के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है और यहां तक कि रिश्वत भी देनी पड़ती है।’’
सुरजेवाला ने कहा कि कुछ लोगों के मकान अन्य लोगों के नाम पर हैं, कुछ स्थानों पर किराएदारों को घर का स्वामी दिखाया गया है और कई घरों के लिए केवल एक आईडी दर्शायी गई है। उन्होंने कहा कि संपत्ति के क्षेत्रफल में खामियां होने के साथ-साथ आवासीय भवन को कामर्शियल और कामर्शियल भवन को आवासीय के रूप में दर्शाया गया है।
हरियाणा सरकार ने संपत्ति आईडी की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिए की है कि खरीद-बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
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