भोपाल, 25 जनवरी : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर संदेह जताया और मांग की है कि मतदाताओं को मतपेटी में डालने के लिए वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियां सौंपी जाएं. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि चुनाव के नतीजे इन पर्चियों की गिनती कर घोषित किए जाने चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह कर्नाटक और तेलंगाना में उनकी पार्टी की जीत के साथ-साथ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने बेटे की जीत पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य के कांग्रेस में एक समय सिंह के प्रतिद्वंद्वी रहे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जनता इस मुद्दे पर नेता को कई बार जवाब दे चुकी है.
सिंह ने दावा किया कि ईवीएम का इस्तेमाल केवल भारत, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, वेनेजुएला और ब्राजील में चुनाव कराने के लिए किया जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल किया जाने वाले सॉफ्टवेयर पर लोगों की सार्वजनिक रूप से पहुंच है और कोई भी इससे जानकारी ले सकता है. सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,"भारत में ऐसा नहीं है और चुनाव आयोग इसे (सॉफ्टवेयर को) इस आधार पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराता है कि इसे हैक किया जा सकता है.'' सिंह ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद एक से अधिक मौकों पर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा, "यदि मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराना संभव नहीं है तो वीवीपैट पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जानी चाहिए और उन्हें सत्यापित करने के बाद इसे मतपेटी में डालने की अनुमति दी जानी चाहिए." कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की है कि चुनाव परिणाम इन वीवीपैट पर्चियों की गिनती करके घोषित किए जाएं, न कि ईवीएम के माध्यम से. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में कहा,''मध्य प्रदेश की जनता ने कई मौकों पर दिग्विजय सिंह को जवाब दिया है लेकिन जब वह समझने को ही तैयार नहीं हैं तो क्या किया जा सकता है.''