देश की खबरें | अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना के एसपीवी में केंद्र से योगदान देने का धामी का अनुरोध

देहरादून, 30 मई उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उधमसिंह नगर जिले में विकसित किए जाने वाले अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा विकास परियोजना के लिए बनाए गए ‘स्पेशल पर्पज व्हीकल’ (एसपीवी) में केंद्र सरकार से अपना 410 करोड़ रुपये का अंश देने का मंगलवार को अनुरोध किया।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट की शीर्ष निगरानी प्राधिकरण की दूसरी बैठक में डिजिटल तरीके से हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से एसपीवी में उसका योगदान मिलने से परियोजना के समस्त अवस्थापना कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर लिए जाएंगे।

धामी ने कहा कि किच्छा में लगभग 1000 एकड़ जमीन पर विकसित होने वाले औद्योगिक गलियारा परियोजना में करीब 7500 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश होगा व युवाओं के लिए लगभग 20,000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए एसपीवी का गठन, पर्यावरणीय अनुमति, शेयर धारक समझौता तथा स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट, भूमिजल अनुमति एवं मानचित्र के अनुमोदन की कार्यवाही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अब यह परियोजना प्रारंभ होने की स्थिति में हैं ।

धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने एसपीवी को भूमि पट्टे पर देने के लिए उसे सिडकुल को उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अवस्थापना विकास कार्यों हेतु आंतरिक विकास के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है जबकि बाह्य अवस्थापना कार्यों जैसे विद्युत आपूर्ति एवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु डीपीआर बनाई जा चुकी है ।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत औद्योगिक प्रोत्साहन योजना को और विस्तार देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां लगभग उत्तर पूर्वी राज्यों की भांति है।

धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना को आर्थिक केंद्र बनाते हुए लगभग 3000 एकड़ पर ग्रीन फील्ड सिटी बनाने की परियोजना पर भी कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में एम्स का सेटेलाइट सेंटर, किच्छा डिग्री कॉलेज एवं बस अड्डा का कार्य प्रारम्भ हो चुका है एवं रोड चौड़ीकरण के प्रथम चरण का कार्य संपन्न किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से लगभग 15 मिनट की दूरी पर पंतनगर हवाईअड्डा है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए योजना अन्तिम चरण में है ।

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